श्री पंचमी व्रत विधि- Shri Panchami Vrat Vidhi in Hindi

श्री पंचमी व्रत विधि- Shri Panchami Vrat Vidhi in Hindi
श्री पंचमी व्रत विधि- Shri Panchami Vrat Vidhi in Hindi

श्री पंचमी का व्रत चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन रखा जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। भविष्यपुराण के अनुसार यह व्रत लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किया जाता है।

श्री पंचमी व्रत (Shri Panchami Vrat)

श्री पंचमी व्रत हिन्दू धर्म के विशेष व्रतों में से एक है। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत का विशेष महत्त्व है। वर्ष 2022 में 5 फरवरी को मनाया जाएगा।

श्री पंचमी व्रत कथा (Story of Shri Panchami Vrat in Hindi)

भविष्यपुराण की एक कथा के अनुसार देवताओं से रुष्ट होकर देवी लक्ष्मी क्षीरसागर के प्रविष्ट हो गयी। इसके पश्चात सभी देवता श्री विहीन हो गए। तब देव राज इंद्र ने एक कठोर और विशेष विधि द्वारा लक्ष्मी जी की पूजा की था और व्रत रखा था।
इसे देख सभी देवताओं और राक्षसों ने भी श्री की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करना शुरू कर दिया। व्रत समाप्ति के बाद देवी लक्ष्मी पुनः उत्पन्न हुई तथा विष्णु जी से उनका विवाह हुआ।  

श्री पंचमी व्रत विधि (Shri Panchami Vrat Vodhi in Hindi)

मान्यता अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के चौथे दिन स्नान करने के बाद साफ सुथरे कपड़े पहनना चाहिए। रात के समय दही और भात खाना चाहिए। इसके बाद पंचमी के दिन प्रातः स्नान कर सोने, तांबे या चांदी से लक्ष्मी जी की कमल के फूल सहित प्रतिमा की पूजा करें।

पूजा करते हुए लक्ष्मी जी को अनाज, हल्दी, गुड़, अदरक आदि चढ़ाना चाहिए। संभव हो तो लक्ष्मी जी को कमल का फूल, घी, बेल के टुकड़े आदि से हवन करना चाहिए। इस प्रकार प्रतिमास एक वर्ष तक विधिवत लक्ष्मी जी की पूजा कर व्रत का उद्यापन कर देना चाहिए।

श्री पंचमी व्रत फल (Benefits Shri Panchami Vrat in Hindi)

भविष्यपुराण के अनुसार विधिपूर्वक श्री पंचमी का व्रत करने वाला व्रती अपने 21 कुलों के साथ लक्ष्मी लोक में निवास करता है। इसके अलावा जो स्त्री इस व्रत को विधान पूर्वक करती है वह सौभाग्य, रुप संतान और धन से सम्पन्न हो जाती है।

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