
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी को साल की सभी एकादशियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इस बार निर्जला एकादशी 31 मई को है। इस दिन के लिए विशेष नियम हैं। इनका पालन न करने पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त नहीं होती है। आइए जानते हैं कि इस दिन किस तरह के काम को करना अशुभ माना और बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
एकादशी दिन भूलकर भी ना करें ये काम
निर्जला एकादशी का व्रत बिना निर्जल होकर किया जाता है, लेकिन अगर आप निर्जला एकादशी का व्रत नहीं कर रहे हैं तो भी उस दिन चावल नहीं खाना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन चावल खाने से अगले जन्म में मकड़ी के रूप में जन्म लेते हैं।
निर्जला एकादशी के दिन बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। इस दिन जमीन पर गद्दा बिछाकर आराम करना चाहिए। इस दिन घर में पोंछा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पोंछा लगाने से कीड़े मकौड़े की हत्या का दोष व्यक्ति पर लग जाता है।
निर्जला एकादशी के व्रत से एक दिन पहले दशमी के दिन खान-पान का विशेष ध्यान दें। दशमी के दिन किसी भी तरह का तामसिक या मांसाहारी भोजन ना करें।
निर्जला एकादशी के दिन मन, कर्म और वचन से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए और तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता व्रत भी करती हैं।
इस दिन विवाद में न पड़ें, चाहे वह झूठा ही क्यों न हो। उपवास की रात और उपवास के दिन पूरी रात सोना नहीं चाहिए। इस दिन रात में जागकर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का जागरण करना चाहिए।