
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। (Gayatri Jayanti) वेद माता गायत्री का जन्मोत्सव हर वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इसे गायत्री जयंती कहते हैं। इस वर्ष गायत्री जयंती 31 मई 2023 को है मनाई जाएगी। इस दिन निर्जला एकादशी व्रत भी होगा। गायत्री जयंती के दिन गायत्री माता की विधि - विधान से पूजा की जाती है। वेद के अनुसार माता गायत्री में सरस्वती, लक्ष्मी और काली का वास माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गायत्री माता इन तीनों देवियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
गायत्री मंत्र से मिलती है सफलता
'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। '
चमत्कारी गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते हैं। ये 24 अक्षर चौबीस शक्तियों और सिद्धियों के प्रतीक हैं। इसलिए गायत्री मंत्र को सर्वशक्तिमान और सभी मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। प्रतिस्पर्धा की उम्र में बच्चों पर मनोवैज्ञानिक बोझ अधिक होता है, जो उनकी बुद्धि और स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि इसे दिन में सात बार दोहराने से स्कूली बच्चों से हर तरह का मानसिक तनाव दूर हो जाएगा। गायत्री जयंती के दिन विधिपूर्वक जप करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं।
गायत्री जयंती पर करें ये उपाय
गायत्री जयंती के दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद छात्रों को पूर्व दिशा की ओर मुख करके प्रार्थना कक्ष में बैठना चाहिए। बैठने के लिए आसन कुशा या लाल रंग का प्रयोग करें।
पढ़ने से पहले तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर उसमें तुलसी डालकर अपने सामने रख दें।
तेल का दीपक जलाने के बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें।
जाप के बाद सोने वाले कमरें में जल को छिड़के उसके बाद तुलसी दल का सेवन करें। ऐसा माना जाता है कि नियमित रूप से ऐसा करने से बच्चे के दिमाग को तेज करने में मदद मिलती है।
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