नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क: पूरे देश में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप भी अपने घर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा कर सकते हैं। इसके लिए आपको विशेष मंत्रों का जाप करना होगा। तो आईए जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा मंत्र और पूजा विधि के बारे में।
हिंदू धर्म के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा एक अनुष्ठान के जरिए मंदिर में देवताओं की मूर्ति को स्थापित करने को कहा जाता है। प्राण प्रतिष्ठा हिंदू और जैन धर्म में एक अनुष्ठान है, ये काम अनुष्ठान के जरिए होता है और इसमें भजन और मंत्रों के पाठ के बीच मूर्ति को पहली बार स्थापित किया जाता है।
भगवान की भगवान की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति को पूरे धूम धाम से लाया जाता है। मंदिर के द्वार पर सम्मानित अतिथि की तरह विशिष्ट स्वागत किया जाता है। फिर मूर्ति को कई चीजों का लेप लगाकर दूध से नहलाते हैं।फिर मूर्ति को गर्भ गृह में रखकर पूजन प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसी दौरान कपड़े पहनाकर देवता की मूर्ति यथास्थान पुजारी द्वारा स्थापित की जाती है। पूजा और स्थापना के दौरान मूर्ति का मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखा जाता है। भगवान की पूजा के समय कई विषेश मंत्रों का जाप किया जाता हैं। सबसे पहले मूर्ति की आंख खोली जाती है।ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद फिर मंदिर में उस देवता की मूर्ति की पूजा अर्चना होती है। इस अनुष्ठान को हिंदू मंदिर में जीवन का संचार करना कहा जाता है।
मानो जूतिर्जुषतामाज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं, तनोत्वरिष्टं यज्ञ गुम समिमं दधातु विश्वेदेवास इह मदयन्ता मोम्प्रतिष्ठ ।।
अस्यै प्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणाः क्षरन्तु च अस्यै, देवत्व मर्चायै माम् हेति च कश्चन ।।
ॐ श्रीमन्महागणाधिपतये नमः सुप्रतिष्ठितो भव, प्रसन्नो भव, वरदा भव ।।
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