नई दिल्ली , 08 अक्टूबर 2023 : धर्म और ज्योतिष दोनों ही सूर्य की पूजा को महत्वपूर्ण मानते हैं। सूर्यदेव एक ऐसे देवता हैं, जिनका हमें दैहिक रूप से प्रतिदिन साक्षात्कार होता है। इसे प्रसन्न करने के लिए बड़े अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हम उनके लिए एक लोटा जल और मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इससे हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्यदेव को सभी ग्रहों का राजा माना गया है। अगर किसी की कुंडली में सूर्यदेव शुभ फल प्रदान करते हैं, तो उसका समाज में यश और सम्मान बढ़ता है, और वह पिता के आशीर्वाद में हमेशा रहता है।
यहां दिए गए 12 मंत्रों का जाप करने से हम सूर्यदेव के शीघ्र आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं:
ॐ हृां मित्राय नम: - इस मंत्र के जाप से अच्छी सेहत और कार्य क्षमता मिलती है, और हृदय की शक्ति बढ़ती है।
ॐ हृीं रवये नम: - इस मंत्र का जाप करने से क्षय व्याधि दूर होती है, और शरीर में रक्त संचार ठीक होता है।
ॐ हृूं सूर्याय नम: - इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति मिलती है और ज्ञान में वृद्धि होती है।
ॐ ह्रां भानवे नम: - इस मंत्र के जाप से धातु पुष्टि होती है और मूत्राशय से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं।
ॐ हृों खगाय नम: - इस मंत्र के जाप से बुद्धि का विकास होता है और शरीर का बल बढ़ता है, साथ ही मलाशय से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं।
ॐ हृ: पूषणे नम - इस मंत्र के जाप से मनुष्य में बल और धैर्य बढ़ता है, और भगवान सूर्यदेव की कृपा से मन धार्मिक विषयों में लगता है।
7 .ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः - इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को अनेक विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है, और यह छात्रों के लिए विशेष लाभदायक है।
8 .ॐ मरीचये नमः - इस मंत्र के जाप से रोग आदि की बाधा नहीं सताती है, और स्वास्थ्य और शरीर की कान्ति बनी रहती है।
9. ॐ आदित्याय नमः - इस मंत्र के जाप से दूसरों पर मनुष्य का प्रभाव बढ़ता है, बुद्धि प्रखर होती है और आर्थिक उन्नति होती है।
10. ॐ सवित्रे नमः - इस मंत्र के जाप से मनुष्य का यश बढ़ता है, और उसका बौद्धिक विकास होता है, और उसकी कल्पनाशक्ति बढ़ती है।
11. ॐ अर्काय नमः - इस मंत्र के जाप से मन की दृढ़ता बढ़ती है, और जीवन से जुड़ी तमाम चिंताएं दूर होती हैं।
12 . ॐ भास्कराय नमः - इस मंत्र के जाप से शरीर में वाह्य और आन्तरिक स्वच्छता उत्पन्न होती है, और साधक का शरीर कांतिमय होता है, और उसका मन प्रसन्न रहता है।
रविवार को सूर्यदेव को अर्घ्य देने के समय, इन मंत्रों का उच्चारण श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। इससे हम सूर्यदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और सुख, समृद्धि, और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।