नई दिल्ली,रफ़्तार डेस्क 11 December 2023 : हिन्दू धर्म के अनुसार 16 सोमवार का व्रत शिव भगवान का महत्यपूर्ण व्रत होता है। वहीं इस व्रत की कई विधि होती है।महादेव का प्रिय महीना सावन होता हैं। शिव जी को सावन का हर दिन समर्पित है।सावन सोमवार के साथ 16 सोमवार व्रत सावन से शुरू करना अति उत्तम माना गया है।इसे संकट सोमवार व्रत भी कहा जाता है।महिलाएं 16 सोमवार का व्रत विशेष कामना पूर्ति के लिए करती हैं।ऐसी मान्यताएं है की जिससे उनको मनचाहा जीवन साथी मिलता महिलाएं अच्छे वर के लिए यह व्रत रखती है।
पौराणिक मान्यता है कि देवी पार्वती ने महादेव को पाने के लिए सोलह सोमवार के व्रत की शुरुआत की थी. सती के दूसरे रूप में मां पार्वती ने जन्म लिया था। हर जन्म में भोलेनाथ को अपना पति बनाने का प्रण लिया था। यही वजह है कि सोलह सोमवार का व्रत कर रखकर कठिन तपस्या की थी और एक बार पुनः भगवान शिव को प्राप्त कर लिया था।इसी लिए ये माना जाता है की जो महिलाएं 16 सोमवार का व्रत रखती है उनको मनचाहा वर तो मिलता ही है बल्कि सात जनम तक उनका रिश्ता मज़बूत बना रहता हैं। वहीं अगर ये व्रत वो महिलाएं रखतीं है जिनकी शादी हो चुकी है तो उनके पति की लंबी आयु होती है।
सूर्योदय से पहले पानी में कला तिल दाल कर स्नान करें और साफ वस्त्र पहन कर भगवान शिव के सामने व्रत रखने का संकल्प ले।
व्रत का संकल्प लेने के लिए हाथ में पान का पत्त, सुपारी, जल, अक्षत और कुछ सिक्के लेकर शिव जी के इस मंत्र का जाप करें। ऊं शिवशंकरमीशानं द्वादशार्द्धं त्रिलोचनम्। उमासहितं देवं शिवं आवाहयाम्यहम्।
आप को बता दे की 16 सोमवार का पूजन शाम के समय प्रदोष काल में किया जाता है।अगर आप यह पूजा घर में कर रहे है तो एक तांबे के पात्र में शिवलिंग रखें और गंगाजल में गाय का दूध मिलाकर अभिषेकर करके भगवान शिव का पूजन करें।
पूजा के समय महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करना बहुत जरूरी होता है। वहीं धूप, दीप लगाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़ें।कथा पढ़ने के बाद भगवान की आरती करें सब को प्रसाद दे और खुद भी खाए। एक बात का ध्यान रखें ध्यान रहे प्रति सोमवार एक ही समय और जहां पूजा की है उसी स्थान पर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
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