नई दिल्ली रफ्तार डेस्क 22January: सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का होता है।कहते हैं कि इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने से वह प्रसन्न होते हैं। सोमवार को पूजा करने की अलग-अलग विधियां होती हैं। वहीं बेल पत्र का एक अलग महत्व है। कहते हैं की बेल पत्ती चढ़ाते समय कुछ चमत्कारी मंत्रों के जाप करने से मनचाहा फल की प्राप्ति होती है।
भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने की एक कथा है जो सदियों से चली आ रही है। कहते है की माता पार्वती भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर व्रत करती थीं। एक बार भोले बाबा जंगल में बेल के पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या कर रहे थे, माता पार्वती वहां उनकी पूजा करने पहुंचीं। लेकिन, पूजन सामग्री लाना वह भूल गईं। उन्होंने पेड़ से नीचे गिरे हुए बेलपत्रों से ही भोलेनाथ की पूजा की, उन्हें बेलपत्र से पूरा ढक दिया। इससे भोलेनाथ बहुत प्रसन्न हुए और तबसे उन्हें बेलपत्र चढ़ाया जाने लगा।
जब भी आप शिवजी की पूजा करने जाएं तो उससे पहले बेल पत्र को अच्छे से साफ पानी से धो लें। फिर बेल पत्र की चिकनी सतह को शिवलिंग से स्पर्श कराकर अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करें।
नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो
दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम् ।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम् ।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम् ॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम् ।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम् ॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर ।
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय ॥
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