
नई दिल्ली , 06 नवंबर 2023 : शिव पूजा और साधना में प्रयोग किया जाने वाला एक गोपनीय मंत्र होता है। इस मंत्र का उच्चारण शिव के आराधना में साधक द्वारा किया जाता है। यह मंत्र उन्नत ध्यान और साधना के लिए प्रयोग किया जाता है। हालांकि, विभिन्न गुप्त शिव मंत्र विद्याओं और संप्रदायों में मौजूद हो सकते हैं और इनका उपयोग व्यक्ति के विशेष साधना स्तर और गुरु के मार्गदर्शन के अनुसार भी बदल सकता है।
ॐ अघोराय नम:, ॐ शर्वाय नम:, ॐ विरूपाक्षाय नम:, ॐ विश्वरूपिणे नम:, ॐ त्र्यम्बकाय नम:, ॐ कपर्दिने नम:, ॐ भैरवाय नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ ईशानाय नम:, ॐ महेश्वराय नम:
ये सभी मंत्र भगवान शिव के विभिन्न नामों को समर्पित हैं। इन मंत्रों का उच्चारण शिव पूजा में किया जाता है और उनका जाप शिव के आराधना और साधना में किया जाता है। यहां मैं आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे मंत्रों का अर्थ बता रहा हूँ:
ॐ अघोराय नम: - अघोर स्वरूप शिव को नमस्कार। वह सभी दुःखों और भयों को नष्ट करने वाले हैं।
ॐ शर्वाय नम: - शर्व स्वरूप शिव को नमस्कार। वह सभी लोगों के संरक्षक और पालक हैं।
ॐ विरूपाक्षाय नम: - विरूपाक्ष स्वरूप शिव को नमस्कार। वह सबके अन्तर्दृष्टि के धारक हैं।
ॐ विश्वरूपिणे नम: - विश्वरूपी स्वरूप शिव को नमस्कार। वह समस्त ब्रह्माण्ड के सम्पूर्ण रूपों में प्रकट होते हैं।
ॐ त्र्यम्बकाय नम: - त्र्यम्बक स्वरूप शिव को नमस्कार। वह तीनों लोकों के संरक्षक हैं।
ॐ कपर्दिने नम: - कपर्दी स्वरूप शिव को नमस्कार। वह शवों के प्रभु हैं और अंतिम संस्कार के द्वारा मुक्ति प्रदान करते हैं।
7.ॐ भैरवाय नम: - भैरव स्वरूप शिव को नमस्कार। वह भय का नाश करने वाले हैं और सद्गति की प्राप्ति में सहायता करते हैं।
8.ॐ शूलपाणये नम: - शूलधारी स्वरूप शिव को नमस्कार। वह दुष्टों और अधर्मियों को सजग रखने वाले हैं।
9.ॐ ईशानाय नम: - ईशान स्वरूप शिव को नमस्कार। वह सभी की सर्वोच्च शक्ति हैं और जगत के प्रभु हैं।
10.ॐ महेश्वराय नम: - महेश्वर स्वरूप शिव को नमस्कार। वह सभी के संहारक और पालक हैं।
ये मंत्र शिव पूजा और साधना में आपकी आदर्शता के अनुसार उपयोग किए जा सकते हैं। ध्यान और साधना के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से आप शिव के समीप और उनकी कृपा में रह सकते हैं।
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