इन श्लोकों और मन्त्रों में श्री हरि सुतोत्रम् का विशेष और पवित्र स्थान है। यह हरि सूत्र भगवान विष्णु, उनके रूप, सार, पोषण गुणों और सुरक्षात्मक रूप की बात करता है।