Shaniwar Mantra: क्या होता है शनि दोष ? जानिये इसके लक्षण और उपाय एवं मंत्र

Shaniwar Dosh Upay : शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड प्रदान करते हैं, जिससे उसे अपने जीवन में कई तरह के संघर्षों से जूझना पड़ता है।
Shaniwar Mantra
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नई दिल्ली , 25 नवंबर 2023 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि दोष को सभी प्रकार के दोषों में सबसे ज्यादा कष्टदायक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष है या शनि कुंडली में गलत घर में विराजमान है, तो जातक को शनि दोष के लक्षण स्वयं ही प्रकट होते हैं। इससे जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है, कार्यों में बाधा आती है और जातक का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। शनि देवता धीमी प्रवृत्ति के देवता हैं, इसी कारण उनका प्रभाव कुंडली पर लंबे समय तक बना रहता है।

शनि दोष क्या होता है? शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, और इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड प्रदान करते हैं, जिससे उसे अपने जीवन में कई तरह के संघर्षों से जूझना पड़ता है। जब व्यक्ति की राशि में शनि दोष होता है, तो उसे अपने जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह उतार-चढ़ाव से भरा जीवन बना देता है, और व्यक्ति को समय-समय पर रोग, आर्थिक संकट, बुरी आदतों में लिप्त होने का मन करता है। इन सभी संकेतों को हम शनि दोष के लक्षण कह सकते हैं।

शनि दोष के लक्षण:

  1. समय से पहले आँखें कमजोर होना।

  2. कम उम्र में बाल अत्यधिक झड़ना।

  3. सर में अधिक दर्द रहना।

  4. नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना।

  5. अपने से बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना।

  6. चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना।

  7. मस्तिष्क में सदैव द्वन्द रहना।

  8. जरूरत से ज्यादा आलसी और चालाक होना।

शनि दोष निवारण उपाय: शनि दोष से भयभीत न हो, इसे निवारण करने के लिए यह कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  1. हर शनिवार को स्नान करके मंदिर जाएं और पश्चिम दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

  2. शनि चालीसा का पाठ करें और हाथ जोड़कर उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

  3. शनिवार के दिन काली वस्त्र का दान करें ताकि शनिदेव प्रसन्न हों।

  4. शनिवार को लोहे की बनी चीजों का त्याग करें और उन्हें ना खरीदें।

  5. अपनी की गई अनजानी गलतियों के लिए शनि देव से माफी मांगें।

  6. कौए को भोजन कराएं।

  7. शनिवार को शनिवार के रत्न, नीलम, को धारण करें, परंतु इससे पहले ज्योतिषी से सलाह लें।

  8. पीपल के वृक्ष की उपासना करें और उसकी परिक्रमा करें, जिससे शनिदेव को शांति मिलती है।

  9. शनिवार को लाल कपड़े पहनने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि दोष का निवारण हो सकता है।

शनि दोष निवारण मंत्र

  1. शनि दोष से बचने के लिए जातक को अगर मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा से किया जाता है, तो कुंडली में से शनि दोष को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए शनि दोष मंत्र: का जाप करें।

  2. यदि आप पूजा करते समय शनि मंत्र ‘ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करें, तो इस मंत्र की शक्ति से शनि दोष का प्रकोप कम किया जा सकता है। आप इस मंत्र को 5, 7, 11, 21, या 101 बार जाप कर सकते हैं, जो आपकी श्रद्धा के अनुसार हो।

  3. आप भगवान शंकर को प्रिय पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप भी कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप करके आप अपने जीवन में शनि दोष को निष्कारण कर सकते हैं।

  4. आप महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ का भी जाप कर सकते हैं, जिससे आपको शनि दोष के प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।

इन उपायों को अनुसरण करके व्यक्ति शनि दोष से मुक्ति प्राप्त कर सकता है या इसके प्रभाव को कम कर सकता है।

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डिसक्लेमर

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