
नई दिल्ली , 28 अक्टूबर 2023 : हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक है शनिदेव की पत्नियों का नाम जाप।
शनिदेव की 8 पत्नियां हैं:
ध्वजिनी
धामिनी
कंकाली
कलहप्रिया
कंटकी
तुरंगी
महिषी
अजा
शनिदेव की पत्नियों के नाम जाप से व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। शनि दोष, शनि साढ़े साती, और शनि की वक्र दृष्टि से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, व्यक्ति के कष्टों का निवारण होता है, बुरी या नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है, और पति पर आया संकट भी टल जाता है।
शनिदेव की पत्नियों के नाम जाप का मंत्र इस प्रकार है:
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली। कंटकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा।।शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन पुमान्। दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।
इस मंत्र का जाप किसी भी शनिवार को सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनकर करें। एकांत स्थान पर बैठकर सामने एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर रखें। शनिदेव को फूल, अक्षत, रोली, चंदन, धूप, दीप आदि अर्पित करें। फिर 108 बार इस मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप करते समय मन को एकाग्र रखें और शनिदेव से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
शनिदेव की पत्नियों का नाम जाप करने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
शनि साढ़े साती से छुटकारा मिलता है।
व्यक्ति के कष्टों का निवारण होता है।
शनि की वक्र दृष्टि का प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है।
व्यक्ति बुरी या नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित नहीं होता है।
पति पर आया संकट भी टल जाता है।
राहु-केतु का दुष्प्रभाव भी व्यक्ति पर नहीं पड़ता।
ध्यान रखें कि इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से ही लाभ मिलता है।
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