
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव सारे ग्रहों में सबके शक्तिशाली ग्रह हैं। शनिदेव को न्याय का देवता भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस पर शनि की कुदृष्टि पड़ जाती है, उसको जीवन में अनेक परेशनियों का सामना करना पड़ता है। शनिदेव अपने भक्तों को उनके कर्मों के आधार पर अनुकूल या प्रतिकूल परिणाम देते हैं। जीवन में सुख-समृद्धि और शांति के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जिस भक्त को शनिदेव की कृपा प्राप्त हो जाती है, वह राजा भी बन जाता है उसके जीवन के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप
शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप
शनिदेव के हर मंत्र में है, इसलिए इन मंत्रों का जाप करते समय आपको बहुत सावधान रहना चाहिए। इन मंत्रों का जाप सही तरीके से करना उचित माना जाता है। आपको मंत्र जाप का फल अवश्य मिलेगा। शनिवार के दिन अपने दैनिक कार्यों के बाद एक साफ स्थान पर पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें। इस मंत्र का जाप करते समय नीले वस्त्र को धारण करें।