
नई दिल्ली , 23 अक्टूबर 2023 : शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का दिन होता है। इस दिन मां की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मां सिद्धिदात्री के रूप में माता दुर्गा को पूजा जाता है। वह लाल कपड़े पहने हुए हैं और उनके चार हाथ हैं। उनके निचले बाएं हाथ में कमल का फूल है जबकि ऊपरी बाएं हाथ में एक शंख विराजमान है। उनके ऊपरी दाहिने हाथ में चक्र है जबकि निचले दाहिने हाथ में एक गदा है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि निम्नलिखित है:
प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
माता को लाल फूल, रोली, कुमकुम, अक्षत, हल्दी, दीप, धूप, आदि अर्पित करें।
मां को हलवा, पूड़ी, काले चने, आदि का भोग लगाएं।
मां सिद्धिदात्री के मंत्रों का जाप करें।
मां की आरती करें।
मां सिद्धिदात्री के मंत्र निम्नलिखित हैं:
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। आमतौर पर दस वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को घर में आमंत्रित किया जाता है और उन्हें भोजन आदि कराया जाता है। इसके साथ उन्हें उपहार भी दिया जाता है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां अपने भक्तों को सिद्धि और मोक्ष प्रदान करती हैं।
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