
नई दिल्ली , 14 अक्टूबर 2023 : मां दुर्गा के प्रेमी भक्त बड़ी बेसब्री से नवरात्रि का स्वागत करते हैं। इस पावन अवसर पर, उनका सम्पूर्ण ध्यान माता रानी की उपासना में होता है। मंदिरों से लेकर घरों तक, मां के नाम के जयकारों से गूंथा जाता है। नवरात्रि की तैयारी यहीं से महीनों पहले होती है, जहां एक तरफ मां का स्वागत करने के लिए पंडाल बनाए जाते हैं और दूसरी ओर मूर्तिकार दुर्गा जी की नई मूर्ति बनाई जाती है। इसी बीच, हर हिन्दू घर में भगवती के स्वागत की तैयारी शुरू होती है। यह धारण करना महत्वपूर्ण है कि साल में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है, एक चैत्र मास में और दूसरी आश्विन मास में, जिसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2023: महत्वपूर्ण तिथियाँ
इस साल, मां दुर्गा 15 अक्टूबर 2023 से प्रतिष्ठित होंगीं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि, अर्थात् 15 अक्टूबर से ही शारदीय नवरात्रि का आयोजन होगा, जो कि 24 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी। इसी दिन दशहरा या विजयदशमी का आयोजन होगा। हिन्दू धर्म में नवरात्रि का महत्व बहुत बड़ा है और इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2023: शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त आरंभ: सुबह 11 बजकर 44 मिनट से (15 अक्टूबर 2023)
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त समापन: दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक (15 अक्टूबर 2023)
नवरात्रि 2023: महत्व और उपासना का महीना
नवरात्रि की तिथियां
15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री
16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी
17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा
18 अक्टूबर 2023 - मां कूष्मांडा
19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता
20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी
21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि
22 अक्टूबर 2023 - मां सिद्धिदात्री
23 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी
24 अक्टूबर 2023 - विजयदशमी (दशहरा)
हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि का महत्व अत्यंत उच्च है। इस नौ दिन के उत्सव में, भक्तगण मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के दौरान, मां भगवती की उपासना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर-परिवार पर माँ दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।