
नई दिल्ली , 13 अक्टूबर 2023 : हिंदू धर्म में, महालया को विशेष महत्व दिया जाता है, और इसके साथ ही दुर्गा पूजा का आरंभ होता है। इस दिन को नवरात्रि और पितृ पक्ष का संधिकाल भी कहा जाता है। लोग इस दिन माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं, और उनसे अपने घर आगमन के लिए निवेदन करते हैं, जबकि पितरों को जल तिल अर्पित करते हुए उन्हें नमन करते हैं। दुर्गा पूजा के पहले महालया का एक विशेष महत्व है और बंगाल में इसे बड़े धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। यह दिन उन राज्यों में भी सेलिब्रेशन का दृश्य होता है जहां दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है।
महालया और पितृ पक्ष के दिन हिन्दू शास्त्रों के अनुसार एक ही दिन मनाए जाते हैं और इस बार यह 14 अक्टूबर को होगा। इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों की आंखें तैयार की जाती हैं और उन्हें अंतिम रूप देना शुरू किया जाता है। यही प्रतिमाएं पंडालों की शोभा बढ़ाती हैं और इस बार मां दुर्गा का पावन सप्ताह 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जबकि मां दुर्गा की विशेष पूजा 19 अक्टूबर से शुरू होकर 24 अक्टूबर दशमी तक चलेगी।
महालया का महत्व विशेष रूप से बंगाली समुदायों में माना जाता है, और वहां इस दिन को बड़े ही धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन का बेसब्री से इंतजार किया जाता है और इसके साथ ही दुर्गा पूजा की शुरुआत की जाती है, जिससे मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनती हैं और सप्ताहिक पूजा का आरंभ होता है।
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