
नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। पुराणों में भगवान नरसिंह को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, जो आधे मनुष्य, आधे शेर के रूप में प्रकट हुए थे। इनका सिर तो इंसान जैसा था, लेकिन इनका थूथन और पंजे शेर जैसे थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान नरसिंह अपने अनुयायियों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। हिंदू धर्म में नरसिंह देवता को भगवान का उग्र अवतार माना जाता है। हिंदू धर्म में नरसिंह देवता की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में भगवान नरसिंह देव के मंत्रों का जाप करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और किसी भी समस्या से छुटकारा मिलता है। आइए जानतें हैं भगवान नरसिंह के किस मंत्र के जाप से लाभ मिलता है।
बीज मंत्र
श्रौं’/ क्ष्रौं (नृसिंहबीज)।
- ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम:।।
- ॐ नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः ।
संकट हरने का मंत्र
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
गायत्री मंत्र
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि | तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||
दुविधा निवारक मंत्र
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
रक्षा मंत्र
ॐ करन्ज नरसिंहाय यशो रक्ष
ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय
नरसिंह मंत्र के लाभ
नरसिंह मंत्र का एक विशेष अर्थ है। इस मंत्र के जाप से तांत्रिक मंत्र, बाधा, भूत, पिशाच और अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिलता है। इनके मंत्र का जाप करने से सभी परेशानियां आसानी से दूर हो जाती हैं। इसके अलावा मंत्र का जाप करते समय नरसिंह देवता को एक मोर पंख अर्पित करना चाहिए। इससे कालसर्प दोष दूर होता है और धन में वृद्धि होती है।
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