
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। सनातन धर्म में अनेक देवी देवताओं की पूजा का वर्णन किया गया है। हर दिन किसी ना किसी देवी-देवता के नाम समर्पित होता है। हिंदू धर्म में लक्ष्मी माता को धन की देवी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी के पूजा सच्चे मन से करने से मनुष्य के जीवन में कभी भी धन की कोई कमी नही होती है। हर रोज मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप करने से धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी के इन खास मंत्रों के बारे में...
लक्ष्मी जी के मंत्र
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए।
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि |
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए।
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः |मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ||ॐ महलक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ||
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए।
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि |ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ||
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए।
रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च |सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः || ॐक्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् |अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए।
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् | दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ||ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह | प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ||
इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए।