
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मंत्रों का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है। मंत्र केवल हमारे मन को एकाग्रचित करने में सहायक होते हैं। सुबह- सवेरे उठकर मंत्रों का जाप करने से शरीर के साथ-साथ मन भी स्वस्थ रहता है। हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। मां का स्थान सनातन धर्म में सबसे उत्तम माना जाता है। मंत्र एक ऐसा सुगम रस्ता है जिसका प्रयोग करके हम ईश्वर का आशीर्वाद पा सकते हैं। मां काली के एकाक्षरी मंत्र का जाप करने से जीवन में जो बाधाएं होती हैं, वो सब दूर हो जाती हैं।
मंत्र उच्चारण के नियम
सूर्य उदय से पहले स्नान आदि कर हल्के रंग के कपड़े धारण कर लें। उसके बाद आसन लगा कर मन को शांत कर बैठ जाएं। उसके बाद दीया जलाकर रुद्राक्ष की माला लेकर मंत्रों का जाप शुरू करें।
22 अक्षरी श्री दक्षिण काली मंत्र
क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
इस मंत्र से दक्षिणा काली का आह्वान किया जाता है। शत्रुओं का नाश करने के लिए जातक इस मंत्र से मां काली की पूजा करते हैं और सिद्धि प्राप्त करते हैं। तंत्रविद्या में मां काली की पूजा के लिए यह मंत्र बहुत प्रचलित है। इस मंत्र का अर्थ यह है कि जगत जननी महाकाली महामाया माता मेरी चिंता दूर करती हैं।
पांच अक्षरी काली मंत्र
क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
ऐसा माना जाता है कि इस पंचाक्षरी मंत्र का सुबह 108 बार जाप करने से मां काली साधक की सभी चिंताओं को दूर करती हैं और उसके धन में वृद्धि करती हैं। घर में शांति बनाये रखने के लिए भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।
षडाक्षरी काली मंत्र
क्रीं कालिके स्वाहा॥
सम्मोहन आदि के लिए इस षडाक्षरी मंत्र का जाप किया जाता है। तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।
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