Hanuman Jayanti: लड्डू का भोग लगाकर हनुमान जयंती पर भगवान को करें प्रसन्न, इन चमत्कारी मंत्रों का भी करें जाप

आज हनुमान जयंती मनाई जा रही है इस दिन आप भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रभावशाली मंत्रों का उपयोग कर सकते हैं।
Mantra of Hanuman Jayanti
Mantra of Hanuman Jayantiwww.raftaar.in

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।23 April 2024। हनुमान जी प्रसिद्ध देवताओं में से एक है उनकी हर दिन पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन हनुमान जयंती के दिन यह प्रभाव कुछ ज्यादा बढ़ जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। आज के दिन आपको लड्डू का भोग लगाकर उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।

हनुमान जयंती के दिन इस प्रकार करें पूजा

आज के दिन आप सुबह प्रातः काल उठकर गंगा पानी में मिलाकर स्नान करें। भगवान के मंदिर जाएं और व्रत का संकल्प करें इसके साथ ही उन्हें गुड और लड्डू का भोग भी लगाए। उन्हें चमेली का तेल और सिंदूर बहुत प्रिय हैं। इसलिए सिंदूर चढ़कर चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद आप उनकी आरती करें और सुंदरकांड, हनुमान स्तुति और हनुमान चालीसा का भी पाठ करें। जब पूजा समाप्त करें तब उसके बाद शंकर अवश्य बजाएं।

हनुमान जयंती तिथि और समय

हनुमान जयंती आज यानी 23 अप्रैल को 3:25 बजे सुबह से चालू होगी। यह तिथि 24 अप्रैल को 5 बजकर 18 मिनट पर सुबह समाप्त होगी।

इन मंत्रों का की जाप

ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर

शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।

ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर।त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।।

महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

ॐ हं हनुमंते नम:

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।

ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।

हनुमानजी स्तुति

जय बजरंगी जय हनुमाना,

रुद्र रूप जय जय बलवाना,

पवनसुत जय राम दुलारे,

संकट मोचन सिय मातु के प्यारे ॥

जय वज्रकाय जय राम केरू दासा,

हृदय करतु सियाराम निवासा,

न जानहु नाथ तोहे कस गोहराई,

राम भक्त तोहे राम दुहाई ॥

विनती सुनहु लाज रखहु हमारी,

काज कौन जो तुम पर भारी,

अष्टसिद्धि नवनिधि केरू भूपा,

बखानहु कस विशाल अति रूपा ॥

धर्म रक्षक जय भक्त हितकारी,

सुन लीजे अब अरज हमारी,

भूत प्रेत हरहु नाथ बाधा,

सन्तापहि अब लाघहु साधा ॥

मान मोर अब हाथ तुम्हारे,

करहु कृपा अंजनी के प्यारे,

बन्दतु सौरभ दास सुनहु पुकारी,

मंगल करहु हे मंगलकारी ॥

अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in

डिसक्लेमर

इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in