Guruwar Mantra : भगवान विष्णु को जपने वाले मंत्र तथा उसके अर्थ

Bhagwan Hari Mantra : श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने से केवल पापों का नाश ही नहीं होता, बल्कि इससे जीवन में कई फायदे भी होते हैं।
Guruwar Mantra
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नई दिल्ली , 26 अक्टूबर 2023 : पौराणिक शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार, नियमित रूप से श्री हरि विष्णु के मंत्रों का जाप करने से केवल पापों का नाश ही नहीं होता, बल्कि इससे जीवन में कई फायदे भी होते हैं। विशेष रूप से वैशाख, कार्तिक, और श्रावण मासों में इन मंत्रों का जाप करने से लाभ होता है।

यहां हम श्री हरि विष्णु के कुछ विशेष और महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, उनके अर्थ और लाभ के साथ।

  1. श्री विष्णु मूल मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

    मंत्र का अर्थ: मैं भगवान वासुदेव को नमस्कार करता हूं।

    मंत्र का लाभ: इस मंत्र के जाप से मन शांत रहता है, दया भावना बढ़ती है, और प्रेम भाव बढ़ता है।

  2. क्लेश नाशक श्री विष्णु मंत्र: कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।

    मंत्र का अर्थ: हे वासुदेव, कृष्ण, हरि, गोविन्द, तुम परमात्मा हो, हे क्लेश नाशक, हे गोविन्द, मैं नमस्कार करता हूं।

    मंत्र का लाभ: इस मंत्र के जाप से आंतरिक और पारिवारिक क्लेश दूर होते हैं, और मानसिक दुविधाओं से निजात पाई जा सकती है।

  3. विष्णु गायत्री मंत्र: नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

    मंत्र का अर्थ: हम उस परमात्मा नारायण को जानते हैं, हम वासुदेव की ध्यान में रहते हैं, हमें विष्णु प्रचोदित करें।

    मंत्र का लाभ: इस मंत्र के जाप से पारिवारिक कलह दूर होता है, और घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

4 .श्री विष्णु रूपम मंत्र: शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं। विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्। वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

मंत्र का अर्थ: मैं भगवान विष्णु को नमस्कार करता हूं जो इस सृष्टि का पालक और रक्षक हैं, जो शांतिपूर्ण हैं, जो विशाल सर्प के ऊपर लेटे हुए हैं, जिनकी नाभि से कमल का फूल निकला हुआ है, जो ब्रह्मांड का सृजन करता है, जो एक परमात्मा हैं, जो पूरी सृष्टि को चलाने वाले हैं, जो सर्वव्यापी हैं, जो बादलों की तरह सांवले हैं जिनकी आंखें कमल के समान है, वहीं समस्त संपत्तियों के स्वामी हैं, योगी जन उनको समझने के लिए ध्यान करते हैं, वह इस संसार से भय का नाश करने वाले हैं, सब लोगों के स्वामी भगवान विष्णु को मेरा नमस्कार।

मंत्र का लाभ: इस मंत्र के जाप से मनुष्य जीवन में हर सफलता प्राप्त करता है और यह अवास्तविक दुनिया के डरों से मुक्ति प्रदान करता है।

5. धन्वंतरि मंत्र: ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये। अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः।

मंत्र का अर्थ: हे महासुदर्शन, वासुदेव, धन्वंतरि भगवान, मैं नमस्कार करता हूं। तुम अमृत कलश हाथ में लिए हुए हो, सर्व भय विनाशक हो, सर्व रोग निवारक हो, तीनों लोकों के स्वामी हो, त्रिलोकनाथ हो, श्री महाविष्णु स्वरूप हो, और श्री धनवंतरि स्वरूप हो।

मंत्र का लाभ: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आर्थिक, मानसिक, और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

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