
नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। (Gupta Navratri ) हिंदू धर्म नवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों पूरे चार नवरात्रों का वर्णन किया गया है, पर इनमें से दो नवरात्रे काफी प्रसिद्ध हैं। दो नवरात्रि में शक्ति की अराधना गुप्त रूप से की जाती है। गुप्त रूप से मां की पूजा-अर्चना करने के कारण इन्हें गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ 19 जून,2023 होगा।
10 दस महाविद्याओं की पूजा का है विधान
गुप्त नवरात्रि के समय 10 दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के सारे कष्ट मिट जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में विशेषकर तंत्र साधना करने वाले जातक ही मां की अराधना करते हैं। आइए जानते हैं इस दौरान किन मंत्रों के जाप से व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी हो जाती है।
इन मंत्रों का करें जाप
‘क्रीं ह्रीं काली ह्रीं क्रीं स्वाहा’
ॐ ह्रीं स्त्रीं हूं फट’
‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीये नम:’
‘ह्रीं भुवनेश्वरीय ह्रीं नम’
‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैररोचनिए हूं हूं फट स्वाहा’
‘ॐ ह्रीं भैरवी क्लौं ह्रीं स्वाहा’
‘धूं धूं धूमावती दैव्ये स्वाहा’
शत्रु बुद्धिं विनाशाय ह्रलीं ॐ स्वाहा ‘क्रीं ह्रीं कमला ह्रीं क्रीं स्वाहा’
‘क्रीं ह्रीं मातंगी ह्रीं क्रीं स्वाहा’
गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 दिनों तक इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति रोग, दोष से मुक्ति हो जाता है, इसके साथ ही उसकी सारी इच्छाएं भी मां की कृपा से पूरी हो जाती हैं।