Gayatri Mantra: बेहद ही लाभकारी है गायत्री मंत्र, जानें किस तरह से करें जाप

गायत्री मंत्र का जाप कभी भी दक्षिण की ओर मुख करके नहीं करना चाहिए। पूर्व दिशा को शुभ बताया गया है।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में मंत्र जाप का बहुत महत्व है। मंत्र जाप से व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शास्त्रों के अनुसार नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस चमत्कारी मंत्र से आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। यदि आप प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, तो आप इसके जबरदस्त लाभों का अनुभव करेंगे। गायत्री मंत्र का जाप करते समय कुछ नियमों का पालन करना बेहद ही जरूरी होता है।

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

गायत्री मंत्र जाप के नियम

गायत्री मंत्र का जाप हमेशा सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आप इस मंत्र का लाभ नहीं उठा पाएंगे। गायत्री मंत्र का जाप रात में नहीं करना चाहिए। इस मंत्र का जाप स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण कर के करना चाहिए। काले या गहरे रंग के वस्त्र पहनकर कभी भी इस मंत्र का जाप न करें। गायत्री मंत्र का जाप कभी भी दक्षिण की ओर मुख करके नहीं करना चाहिए। पूर्व दिशा को शुभ बताया गया है। मांस, मछली या शराब का सेवन करने के बाद कभी भी गायत्री मंत्र का जाप न करें, नहीं तो आपके जीवन में काफी परेशानियां आ सकती है।

इन बातों का ख्याल

  • सुबह उठकर स्नान के बाद किसी साफ स्थान पर आसन बिछाकर इस मंत्र का जाप करें।

  • इस मंत्र को रात में करने से बचना चाहिए।

  • मांस, मदिरा का सेवन कर इस मंत्र को ना जपें।

  • हमेशा पूर्व दिशा में ही मुख कर के इस मंत्र का जाप करें।

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