नई दिल्ली , 19 सितम्बर 2023 : गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी का महत्व इसलिए है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक, कला और विज्ञान का देवता माना जाता है। किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने के बाद शुरू होने वाला कार्य हर हाल में पूरा होता है। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। मान्यता है कि जब भी मनुष्य किसी संकट में फंसता है और सच्चे मन से भगवान गणेश को याद करता है तो उसका संकट टल जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में इस त्योहार का विशेष महत्व है। इन राज्यों में गणेश चतुर्थी को 10 दिनों तक मनाया जाता है। इन दिनों में घरों, मंदिरों और पंडालों में भगवान गणेश की मूर्तियों की स्थापना की जाती है। भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और अन्य मिठाईयां चढ़ाई जाती हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान भक्ति गीत गाए जाते हैं, नृत्य किए जाते हैं और आरती की जाती है। दसवें दिन भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इस त्योहार के दौरान लोग एक साथ आते हैं और मिलजुल कर भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस त्योहार से लोगों में भाईचारे और सद्भावना की भावना बढ़ती है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार बच्चों के लिए भी बहुत खास होता है। इस दिन बच्चे नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं और गणेश जी की मूर्तियों के साथ खेलते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में गणेश चतुर्थी के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार एक ऐसा त्योहार है जो लोगों में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। गणेश चतुर्थी का त्योहार यह भी सिखाता है कि हमें एकजुट होकर रहना चाहिए और सभी लोगों से प्रेम और सम्मान से पेश आना चाहिए।
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