
नई दिल्ली ,11 नवंबर 2023 : हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, दिवाली त्योहारों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका समापन भाई दूज के साथ होता है। छोटी दिवाली, जिसे नरक चौदस, रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है, इस का एक अहम हिस्सा है। इस दिन हनुमान जी की पूजा भी की जाती है।
नरक चौदस को यमराज, हनुमान जी, और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है, और इसे हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसे बजरंग बली के जन्म के रूप में माना जाता है, और इस दिन पूजा करने से भक्तों के सभी संकटों का निवारण होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी करनी चाहिए, जिससे व्यक्ति को लंबी आयु प्राप्त होती है। नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जी की पूजा से भी सभी कष्टों में राहत मिलती है और जीवन में धन की वृद्धि होती है।
नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा के तरीके में:
आदि से निवृत्त होकर हनुमान जी के आगे दीपक जलाएं और ध्यान करें। पूजा करने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करें।
जहां हनुमान जी का मंदिर है, वहां जाकर बजरंग बलि को बूंदी का भोग लगाएं।
यदि कोई व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को पूरा करना चाहता है, तो हनुमान जी को चोला अर्पित करें और उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।
जो भी व्यक्ति चाहता है कि उसकी सभी परेशानियां दूर हों, वह किसी हनुमान मंदिर में जाकर मंत्र 'ॐ हं हनुमते नमः' का कम से कम 108 बार जप करें।
इस तरह, नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी की पूजा विधि का पालन करने से व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकता है और समस्त दुःखों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
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