नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।15 April 2024। आज नवरात्रि का सातवां दिन है। यानी की आज दिन है मां कालरात्रि का। नवरात्रि के सातवें दिन की स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। माता को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से उनकी पूजा करना चाहिए। इसके लिए आप आप उनके कुछ चमत्कारी का बीज मंत्र का भी प्रयोग कर सकते हैं।
मां कालरात्रि की पूजा विधि आज प्रात:स्नान के बाद मां कालरात्रि को जल, फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, फल, कुमकुम, सिंदूर आदि अर्पित करते हुए पूजन करें।इस दौरान मां कालरात्रि के मंत्र का उच्चारण करते रहें। उसके बाद मां को गुड़ का भोग लगाएं।फिर दुर्गा चालीसा, मां कालरात्रि की कथा आदि का पाठ करें। फिर पूजा का समापन मां कालरात्रि की आरती से करें।
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली मां जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ॥
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