नई दिल्ली रफ्तार डेस्क 6 February 2024: हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी का काफी महत्त्व होता है। या एकादशी माघ के महीने में मनाई जाती इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। वही इस दिन गाना नदी में स्नान करके दान देने का भी महत्त्व है।
षटतिला एकादशी के दिन काले तिल का दान और हवन तो करते ही है। वहीं सफेद तिल से हवन करने से घर पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
षटतिला एकादशी का व्रत 6 फरवरी को ही किया जाएगा।और इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 7:06 से लेकर 9:18 तक रहेगा।
व्रत के पारण का समय 7 फरवरी 2024 दिन बुधवार सुबह 7 बजकर 6 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
षटतिला एकादशी के व्रत का पारण करने से पहले मंदिर जाकर भगवान विष्णु के दर्शन करें और वहां के पंडित को या जरूरत मंद को कुछ दान जरूर करें।
आप को बता दे की षटतिला एकादशी के व्रत को पारण समय पर ही खोलना चाहिए। नहीं तो व्रत का फल नहीं प्राप्त होगा।
षटतिला एकादशी के दिन भक्त को सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान के साथ पूजा करने के बाद तिल का भोग लगाना चाहिए और तिल का दान भी करना चाहिए। वहीं इस एकादशी के दिन रात को तिल से ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप कर हवन करना चाहिए। इससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। साथ ही कष्ट से मुक्ति मिलती है।और अगले दिन भी आप को प्रातः काल उठकर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए।
ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय
ओम ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः
ओम नमो नारायणाय
ओम भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
ॐ विष्णवे नम:
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