Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर करें इन मंत्रों का जाप, शादी में आ रही अड़चन दूर होगी

वैसे तो आप किसी भी दिन, किसी भी देव को याद कर सकते हैं। लेकिन कुछ तिथि त्यौहार ऐसे होते हैं जिनमें ईष्ट विशेष की पूजा से खास फल मिलते हैं।
Mantra of Masik Shivaratri
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क 9 January 2024: हिंदू धर्म के अनुसार सभी भगवानों की पूजा हर घर में की जाती हैं। सातों के सातों दिन अलग-अलग भगवान की पूजा करने का नियम बनाया गया है। लेकिन कुछ तिथि त्यौहारों पर भगवान की पूजा करने का दिन और नियम दोनों ही बदल जाते हैं। वहीं कहते हैं कि मासिक शिवरात्रि पर भगवान शंकर को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है। ऐसा करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख शांति बनी रहती है। यह पर्व प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि 9 जनवरी यानि आज मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ के लिए उपवास रखने से उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। एसी मान्यता हैं कि मासिक शिवरात्रि पर विधि पूर्वक पूजन करने से भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। और जिन लोगों की शादी में दिक्कतें आ रही हैं, वे अगर इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं, तो उनके विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी।

मासिक शिवरात्रि पर करें इन मंत्रो का जाप

आईए जानते हैं, मासिक शिवरात्रि पूजन के लिए कुछ विशेष मंत्र

ॐ नमः शिवाय:

यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति करने के लिए काफी महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध मंत्र है।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्:

यह महामृत्युञ्जय मंत्र है। इसका जप करने से व्यक्ति नीरोग रहता है और आयु में वृद्धि होती है।

ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः

इस मंत्र के जाप से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। और घर का माहौल अच्छा रहता है घर में सुख शांति बनी रहती है।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः

यह मंत्र से भगवान शिव और शक्ति दोनों की आराधना एक साथ की जाती है।

ॐ नमो भगवते रुद्राय:

आप इन मंत्रों से मासिक शिवरात्रि व्रत के दौरान भगवान शिव और इष्ट देवता की पूजा के साथ जाप कर सकते हैं। मंत्रों का जप ध्यान और श्रद्धा के साथ करनी चाहिए ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो।

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