नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। 9 April 2024। हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। आज नवरात्रि का पहला दिन है इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना और मंत्रों के जाप से उन्हें प्रसन्न किया जाता है। माता का नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा क्योंकि वह हिमालय पर्वत के राजा हिमवान की पुत्री थीं।
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना से मां की आराधना शुरू होती है, जो 9वें दिन हवन के बाद पूर्ण होती है। पहले दिन से लेकर 9 वें दिन तक माता रानी के सभी नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ साथ ही नवरात्रि में भक्त 9 दिन तक उपवास करके माता रानी को प्रसन्न करते हैं।
मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप को कहा जाता है और इसे 'शैलपुत्री' इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह हिमालय पर्वत के राजा हिमवान की कन्या थीं। इस रूप में मां दुर्गा को त्रिशूल और चंद्रमा के साथ देवी के सामर्थ्य का प्रतीक माना जाता है। शैलपुत्री की पूजा से शक्ति और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। पूजा करते समय मां की मूर्ति को पुष्प, चंदन, कुमकुम, और रोली से सजाकर स्थान पर रखें। धूप, दीप और फल चढ़ाएं। प्रथम शैलपुत्री का मंत्र 108 बार जपें । मां की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं इसके बाद माता की आरती करें और वह आरती पूरे घर में दिखाएं।
या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
"वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥"
ॐ देवी शैलपुत्री नमः
ह्रीं शिवायै नम:।
ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
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