नई दिल्ली रफ्तार डेस्क 6 January 2024 : गंगा मैया गंगा लोगों के लिए पवित्र है। वह नदी नहीं माँ के समान पूजी जाती है। स्नान करने पहले गंगा मैया की जय बोला जाता है ताकि उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की जा सके। भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक परिवेश में नदियों का बहुत महत्त्व है। एक नदी मनुष्य के जीवन को सुखमय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।लेकिन गंगा मैया की पूजा के कुछ विधि और मंत्र भी हैं जिसे करके आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं ऐसा करने से आपके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी।
मां गंगा को मोक्षदायिनी के रूप में जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पौराणिक काल से यह मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा मैया की पूजा और उनके मंत्र के जाप से मनुष्य को चिंताओं से मुक्ति प्राप्त होती है और उसकी जीवन में सुख शांति बनी रहती है। वहीं अमावस्या या पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा जल में स्नान करने से मनुष्य को देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ गंगा तट के किनारे श्राद्ध या तर्पण आदि करने से और पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है।
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। यदि संभव न हो तो घर में ही स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इसके बाद मां गंगा की मूर्ति या फिर नदी में फूल, सिंदूर, अक्षत, गुलाल,लाल फूल, लाल चंदन अर्पित करके मां गंगा की विधि-विधान से पूजा करें। मां गंगा को भोग में गुड़ या फिर कोई सफेद मिठाई अर्पित करें। फिर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगा आरती करें। अंत में धूप-दीप जलाकर श्री गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और साथ ही गंगा मंत्र- ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’ का जाप करें।
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