नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क 27 दिसंबर 2023 : हिंदू धर्म के अनुसार बुधवार को हर कोई गणेश भगवान का व्रत और उनकी पूजा अर्चना करता है। गणेश भगवान की पूजा करने से घर में कभी धन की हानि नहीं होती हमेशा बढ़ोतरी ही होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपका बुध ग्रह कमजोर हो तो बुधवार के दिन आप इनकी पूजा करके इन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। बुधवार व्रत जीवन में सर्व-सुखों की इच्छा रखने वाले हर जातक को करना चाहिए। इस व्रत में चौबीस घंटे में एक ही बार भोजन करना चाहिए। यह व्रत करने से बुध ग्रह की शांति होती है तथा विद्या, धन और व्यापार में उन्नति होती है। जिनकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होते हैं उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे अच्छा प्रभाव पड़ेगा।बुध ग्रह को शांत रखना बहुत जरूरी है क्योंकि ये बुद्धि, विवेक और वाणी के स्वामी होते हैं।
बुध ग्रह का व्यक्ति के लिए प्रसन्न होना काफी आवश्यक होता है। अगर आपका बुध ग्रह कमजोर है तब आपको त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है अथवा याददाश्त भी जा सकती है।आपको छोटी-छोटी चीजें याद करने में मुश्किल होती है।यहां तक कि आपकी भाषा बहुत कठोर हो जाती है। आप लोगों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। इसलिए आपको बुद्ध का ग्रह को शांत करना अति आवश्यक होता है।
वैसे तो आप बुध ग्रह की पूजा कभी भी कर सकते हैं लेकिन अगर आप पहली बार बुध ग्रह का व्रत रखने जा रहे हैं तब आपको यह व्रत कृष्ण पक्ष की बजाए चांदन यानी शुक्ल पक्ष में रखने की शुरुआत करनी चाहिए। ये व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से करना शुभ माना जाता है।कहा जाता है कि बुधवार का व्रत कम से कम 21 बुधवारों तक और अधिक से अधिक 41 बुधवारों तक रखने से अच्चा फल देता है। जैसे हम किसी और व्रत में नमक नहीं खाते इसी तरह इस व्रत में भी नमक नहीं खाना चाहिए।बुधवार को खाने में मूंग की दाल या पंजीरी या फिर हलवा का भोग लगाने से वो जल्द प्रसन्न होते हैं।इस व्रत में भी दान को विशेष महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि बुधवार का व्रत रखने के दौरान दान के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
बुधवार के दिन बुध ग्रह का व्रत करें और विघ्नहर्ता की पूजा करें। आपको यह व्रत 45, 21 या फिर 17 करने चाहिए इस दिन हरे रंग के कपड़े को पहनना अच्छा माना जाता है। वहीं, इस दिन आप इन मंत्रो का जाप करे।
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:'
ॐ प्रियङ्गुलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।
ॐ सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात्।।
ॐ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
किसी भी एक मंत्र का जाप 17, 5 या 3 बार जप माला के साथ करें साथ ही इस उपवास में आप हरे फल का सेवन करें।
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