
नई दिल्ली , 28 सितम्बर 2023 : अनंत चतुर्दशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन दस दिवसीय गणेशोत्सव के बाद गणपति का विसर्जन भी किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी का महत्व
अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है। मान्यता है कि इस दिन अनंत सूत्र बांधने से भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।
अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद पूजा का स्थान साफ करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर रखें। भगवान विष्णु के साथ ही अनंत देव की मूर्ति या तस्वीर भी रखें। भगवान विष्णु और अनंत देव को धूप, दीप, नैवेद्य और फल-फूल अर्पित करें। इसके बाद अनंत सूत्र बांधने की विधि करें।
अनंत सूत्र बांधने की विधि
अनंत सूत्र बांधने के लिए एक पीले रंग का धागा लें और उसमें चौदह गांठें लगाएं। इसके बाद इस धागे को पूजा में भगवान विष्णु और अनंत देव को अर्पित करें। इसके बाद इस धागे को अपने दाएं हाथ की कलाई में बांध लें। अनंत सूत्र पूरे साल बांधे रखना चाहिए और इसे अगली अनंत चतुर्दशी के दिन ही खोलना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी के दिन के उपाय
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने के साथ ही श्रीगणेश जी का विसर्जन भी किया जाता है।
इस दिन अनंत सूत्र बांधने से भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।
अनंत चतुर्दशी के दिन दान-पुण्य करने से भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है।
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना भी बहुत लाभकारी होता है।
अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक पवित्र त्योहार है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है।
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