शास्त्रीय विद्वान बताते हैं कि यहां ज्योतिर्लिंग के स्पर्श पूजा का विधान प्रचलित है। इस ज्योतिर्लिंग को स्पर्श कर पूजा किया जाता है "पंचशूल" के स्पर्श मात्र से भक्तों की हरेक मनोकामना पूर्ण होती है।