
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: हर साल भारतीय लोगों को गणेश उत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है। खासकर महाराष्ट्र के लोगों को इस त्योहार का इंतजार कुछ खास ही रहता है। आपको बता दें कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाने वाला यह त्यौहार आज से ही पूरे देश में से बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव को बड़े ही हर्षोंउल्लास के साथ मनाने के बाद विघ्नहर्ता भगवान गणेश को उत्सव के दसवें दिन विसर्जित कर दिया जाता है। विसर्जन के दौरान अगले जन्म बप्पा जल्दी आना जैसे नारों से मुंबई गूंज उठती है। मुंबई में खास तौर पर मनाया जाने वाला त्यौहार अपने आप में अद्भुत रहता है। लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में इस त्यौहार को लेकर भी काफी उत्साह देखने को मिलता है। और यहां भी बड़े ही धूमधाम से गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। और बड़े बड़े पंडाल सजाए जाते है। तो चलिए लिए जानते हैं वह कौन सी खास जगहें है जहां बड़े बड़े पंडालों में गणपति विराजते हैं।
अपने ग्लैमर और बिजी लाइफस्टाइल के लिए जाने जाने वाला मुंबई में गणेश उत्सव का त्योहार देखते ही बनता है। यहां हर साल जब भी गणपति बप्पा गणेश उत्सव के दिन विराजते हैं। तो पूरा मुंबई गणपति की धुन में सवार हो जाता है। लालबाग के राजा, सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई, खेतवाड़ी गणराज मुंबई , गणेश गली मुंबईचा और अंधेरी राजा गणेश आदि आकर्षण का केंद्र रहते है। यहां कुछ सुप्रसिद्ध गणेश पंडालून हैं। जहां आप गणेश जी के अलग-अलग धूम देखने को पाएंगे। मुंबई के इन जगहों पर देशभर में अलग-अलग जगहों के लोग गणपति के दर्शन के लिए यहां आते हैं। गौरी नंदन के दर्शन मात्र के लिए उमड़ती हुई भीड़ का हर्षोउल्लास देखते ही बनता है। शहर भर में सजाए गए पंडालून में प्रदर्शित गणेश की विशाल मूर्तियों को देखा जा सकता है। यहां मिट्टी से लेकर सोने चांदी के गणेश की प्रतिमाएं आपको देखने को मिल जाएगी। लालबाग राजा का पंडाल इस बार 30 फीट तक बनाया गया है।
दिल्ली में गणेश चतुर्थी के दौरान आपको कई सांस्कृतिक और पारंपरिक अनुष्ठानों की झलक देखने को मिल जाएगी। कुछ स्थानों पर आप भगवान के विशाल मूर्तियों को देख सकते हैं। साथ ही कई मंदिरों में पुजारी द्वारा वेदों और उपनिषदों के मंत्र भी सुनने को मिल जाएंगे। इस दौरान पंडालों को बेहद ही खूबसूरत ढंग से सजाया जाता है। दिल्ली में होने वाले गणेश उत्सव के लिए गणेश जी की मूर्ति मुंबई से मंगवाई गई है। पिछले दिनों चंद्रयान की सफल लैंडिंग होने की वजह से प्रीतमपुरा, दिल्ली में पंडाल में चंद्रयान की झलक दिखाने की कोशिश की जा रही है। इसकी ऊंचाई करीब 18 फीट रखी है है। इसकी खासियत यह है कि यह वॉटर प्रूफ, एयर प्रूफ, और सेंट्रल एयरकंडीसांस रहता है। यहां रोजाना 25 हजार लोग पहुंचते है।
महाराष्ट्र की तरह पड़ोसी राज्य गोवा में भी गणेश चतुर्थी की धूमधाम देखते ही बनती है। लोग इस त्यौहार के दौरान अपने घरों की साफ सफाई और रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाकर गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाते हैं। मार्सेल और मापुसा दो प्रमुख स्थान है। जहां इन क्षेत्रों में मौजूद कई मंदिरों के कारण गणेश चतुर्थी व्यापक रूप से मनाई जाती है। यहां देश भर से पर्यटक इस उत्सव में शामिल होते है। इतना ही नहीं भगवान गणेश की पूजा के दौरान पूरे 10 दिनों तक वह भक्ति में लीन रहते हैं। यहां जगह-जगह बने पंडाल देखने में बहुत खूबसूरत और आकर्षक लगते हैं।
रायपुर में भी गणेश उत्सव को लेकर काफी धूम देखने को मिल रही है। यहां कई सालों से गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। दिल्ली की तरह रायपुर में भी गणेश उत्सव को चंद्रयान का थीम दिया गया है। जहां चंद्रयान की तर्ज पर पंडाल को सजाया गया है। इसके लिए रायपुर में 120 फीट ऊंचा गणेश उत्सव पांडाल तैयार किया गया है। यह पंडाल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी स्थित इस पंडाल को करीब 120 फीट ऊंचा और 70 फीट चौड़ा बनाया गया है । उत्सव के पूरे 10 दिन रायपुर के इस पंडाल में भक्तों के भीड़ देखते ही बनती है।
कर्नाटक में गणेश चतुर्थी का त्योहार विभिन्न अनुष्ठानों और पारंपरिक तरीकों से मनाया जाता है। कर्नाटक में यह तोहार एक दिन पहले शुरू होता है। सबसे पहले यहां जब गणेश की मां देवी गौरी की पूजा की जाती है। इसके बाद से ही गणेश उत्सव का त्यौहार भी शुरू हो जाता है। यहां भोग के लिए गज्जू मोदकम और पायसम जैसी मिठाइयां तैयार की जाती है। गणेश उत्सव के दौरान यहां बड़े बड़े पंडाल लगाए जाते है।
मुंबई से कुछ ही दूरी में स्थित पुणे में भी गणेश उत्सव का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां जगह-जगह पर बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं। जिसमें शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं । पुणे में कुछ बेहतरीन पूजा स्थलों का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें पूरे क्षेत्र को शामिल किया जाता है। भगवान को लड्डू मोदक और अन्य मिठाइयां अर्पित की जाती हैं। पुणे के गणेश पंडाल को इस बार भगवान राम की नगरी अयोध्या की थीम पर बनाया गया है।
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