Shardiya Navratra 2023: मां दुर्गा के 8 शस्त्र अस्त्र, किस देवता ने क्या भेंट किया, जानिए रहस्य

नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। इस दौरान भक्त 9 दिनों तक देवी मां की पूजा आराधना करते हैं। क्या आप जानते है कि देवी मां अपने आठ भुजाओं में आठ अस्त्र धारण क्यों करती हैं।
मां दुर्गा
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व बेहद ही खास माना जाता है। नवरात्रि  का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इस दौरान लोग मां भगवती की भव्य प्रतिमा की स्थापना कर नौ दिनों तक उनके विभिन्न स्वरूपों की उपासना करते हैं।  मां दुर्गा को पापों के विनाशिनी कहा जाता है।  देवी भागवत पुराण के अनुसार महिषासुर नामक एक असुर ने देवलोक पर अधिकार कर लिया था। जिससे देवता और मनुष्य दोनों ही भय में आ गए थे।  तब तब सभी भगवान  महिषासुर से मुक्ति पाने के लिए अलग-अलग अस्त्र शस्त्र मां दुर्गा को भेंट किए थे। इसलिए देवी के अलग-अलग स्वरूपों में अलग-अलग अस्त्र शस्त्र हैं।  परंतु यह सब मां आदि शक्ति के ही विभिन्न रूप हैं। इसलिए इन्हे  दुर्गा सप्तशती भी कहा जाता है।  तो चलिए जानते हैं मां दुर्गा के आठ हाथों में कौन से अस्त्र-शस्त्र हैं और किसने दिए। जिससे असुरों के साथ होने वाले संग्राम में वह विजय प्राप्त हो और धर्म सदैव स्थापित रहे।

चक्र रक्षा के लिए किया था प्रदान

मां भगवती के हाथों में शोभा देते हुए चक्र को विष्णु भगवान ने भक्तों की रक्षा के लिए देवी को प्रदान किया था। भगवान विष्णु ने यह चक्र खुद अपने चक्र से उत्पन्न किया था। 

वज्र निकालकर इंद्र ने किया भेंट

देवी माता को अपने वज्र से एक दूसरा वज्र निकालकर देवराज इंद्र ने भेंट किया था। यह वज्र  अत्यंत शक्तिशाली था और जब युद्ध भूमि पर देवी इसे निकालती थी तो उसके प्रहार से आसुर युद्ध के मैदान से भाग खड़े होते है। 

दंड

मां भगवती को यमराज ने अपने कालदंड से निकालकर दंड भेंट किया था।  देवी ने युद्ध भूमि में दैत्यों को दंड पाश से  बांधकर धरती पर घसीटा था।

धनुष बाण

मां भवानी को धनुष और बाणों से भरा तरकश स्वयं पवन देव ने भेंट किया था असुरों से युद्ध के दौरान देवी इसी धनुष और बाण से प्रहार करती थी।

त्रिशूल

मां दुर्गा को त्रिशूल स्वयं भगवान शंकर ने भेंट किया था। भगवान शिव ने इसे त्रिशूल से त्रिशूल निकालकर मां दुर्गा को भेंट किया था।  इस त्रिशूल से देवी ने महिषासुर समेत अन्य असुरों का वध किया था। 

तलवार

देवी मां के हाथों में सुशोभित तलवार और ढाल यमराज ने भेंट की थी।  पौराणिक कथाओं के अनुसार मां भगवती ने असुरों का सर्वनास इसी तलवार और ढाल से किया था।

घंटा

देवराज इंद्र ने ऐरावत हाथी के गले से घंटा उतारकर देवी को दिया था और इस घंटे की भयंकर ध्वनि से असुर  मूर्छित हो गए थेऔर फिर उनका संहार हुआ था।

फरसा

भगवान विश्वकर्मा ने मां दुर्गा को अपनी ओर से फरसा प्रदान किया था।  चण्ड मुंड का सर्वनाश करने वाली देवी ने काली का रूप धारण कर हाथों में तलवार और फरसा लेकर असुरों से युद्ध किया था।

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