नई दिल्ली , 23 सितम्बर 2023 : वास्तु एक प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प परंपरा है जो प्राकृतिक तत्वों के साथ सामंजस्य में रहने के लिए सिद्धांतों का एक समूह है। वास्तु के अनुसार, हमारे घरों में विभिन्न वस्तुओं को रखने की सही दिशाएं हैं जो हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाती हैं।
यहां कुछ महत्वपूर्ण वास्तु दिशाएं और उनमें क्या रखना चाहिए, इस बारे में कुछ सुझाव दिए गए हैं:
पूर्व दिशा: सूर्योदय की दिशा होने के कारण, पूर्व दिशा ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। इस दिशा में पूजा कक्ष, ध्यान कक्ष, अध्ययन कक्ष या किसी भी अन्य स्थान को बनाना लाभकारी होता है जहां आप ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और उत्पादक होना चाहते हैं।
उत्तर दिशा: उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में तिजोरी, कैश रजिस्टर, या किसी भी अन्य वस्तु को रखना लाभकारी होता है जो आपके धन में वृद्धि का प्रतीक हो। आप इस दिशा में अपना शयनकक्ष भी बना सकते हैं, जिससे आपको अच्छी नींद आएगी और आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा।
पश्चिम दिशा: पश्चिम दिशा को रिश्तों और प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में शयनकक्ष, बैठक कक्ष या किसी भी अन्य स्थान को बनाना लाभकारी होता है जहां आप अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहते हैं। आप इस दिशा में अपनी तस्वीरें भी रख सकते हैं, जिससे आपके रिश्तों में मजबूती आएगी।
दक्षिण दिशा: दक्षिण दिशा को आग और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में रसोई, बाथरूम या किसी भी अन्य स्थान को बनाना लाभकारी होता है जहां आप गतिविधियां करना चाहते हैं और सक्रिय रहना चाहते हैं। आप इस दिशा में अपने जिम को भी बना सकते हैं, जिससे आपको व्यायाम करने और फिट रहने में मदद मिलेगी।
इन वास्तु दिशाओं के अलावा, कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए, जैसे कि:
घर के केंद्र में खुला स्थान होना चाहिए, जिससे कि सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में स्वतंत्र रूप से प्रवाहित हो सके।
घर का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
शयनकक्ष में बिस्तर उत्तर या पूर्व दिशा में सिरहाने के साथ होना चाहिए।
रसोई गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
पूजा कक्ष पूर्व दिशा में होना चाहिए।
इन वास्तु दिशाओं और सुझावों का पालन करके, आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि ला सकते हैं।
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