नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई लगाकर अपने लिए घर बनाने के बारे में सोचता है। इसके लिए आपका ये जानना बेहद ही जरुरी है कि आप जिस जगह पर घर बनवा रहे हैं, वो जगह कैसी है। वास्तु शास्र् में हर चीज को लेकर कुछ नियम बताये गए हैं, जिनका प्रयोग कर के हम सही जगह का चुनाव कर सकते हैंष। प्लाट खरीदते समय यह विचार करना आवश्यक है कि प्लाट का आकार वास्तु सिद्धांतों के अनुरूप है या नहीं। साइट का आकार ही तय करता है कि उस पर किस तरह का घर बनाया जाएगा और उस पर रहने वाले लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना बेहद ही जरूरी है।
इन नियमों का रखें ख्याल
वास्तु के अनुसार त्रिकोणीय भूखंड पर घर बनाते समय उसमें रहने वालों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी जगह पर घर बनाने पर लोगों को मानसिक तनाव होता है। घर में रहने वाले लोग स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से जूझते हैं। इस घर में आर्थिक उन्नति नहीं होती है। घर में हमेशा दरिद्रता बनी रहती है। तिकोने भूखंड पर मकान बनाने से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आती है। इसलिए इन सभी समस्याओं से बचने के लिए त्रिकोणीय प्लाट कभी भी घर नहीं बनाना चाहिए।
गोलाकार भूखंड मकान बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होता है। वास्तु शास्त्र (वास्तु टिप्स) के अनुसार यदि इस भूमि पर घर बना भी लिया जाए तो भी ऊर्जा की सघनता के कारण लोगों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। ऐसे स्थान पर घर बनाना वहां रहने वाले लोगों के लिए प्रतिकूल होता है। से भूखंडों पर बने घर लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति के अनुकूल नहीं होते हैं।
मिट्टी से भी आप जमीन के शुभ और अशुभ होने का पता लगा सकते हैं। इसका पता लगाने के लिए आप जो जमीन खरीदना चाहते हैं उसके बीच में एक गहरा गड्डा खोद लें उसके बाद खुदी हुई मिट्टी को वापस से गड्ढे में डाल दें। यदि गड्ढा भरने के बाद भी कुछ मिट्टी बच जाती है ,तो वो जमीन आपके लिए बेहद ही भागयशाली होगी।