नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। 8 March 2024। महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास होता है। इस दिन न केवल भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है बल्कि उनका रुद्राभिषेक भी किया जाता है। लेकिन रुद्राभिषेक करते समय हमें कई बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। वहीं, वास्तु शास्त्र में इसका नियम भी बताया गया है।
रुद्राभिषेक करते समय कभी भी बाएं हाथ से शिवलिंग को स्पर्श नहीं करना चाहिए यह काफी है शुभ माना जाता है। इसीलिए रुद्राभिषेक के दौरान हमेशा दाहिने हाथ का ही प्रयोग करें।महाशिवरात्रि के दिन अगर आप रुद्राभिषेक कर रहे हैं, तो शिवलिंग पर जल अर्पित के लिए चांदी, कांसे, पीतल के लोटे का उपयोग करें। इससे भगवान की कृपा आप पर बनी रहती है। रुद्राभिषेक करते समय शिवलिंग की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल बहुत पवित्र माना जाता है। इसे लांघना भी नहीं चाहिए। इसके साथ ही रुद्राभिषेक करते समय दक्षिण दिशा की तरफ खड़े होना चाहिए, जिससे मुख उत्तर दिशा की ओर हो। उत्तर दिशा देवी-देवताओं की मानी जाती है।
अगर कोई व्यक्ती रोग से पीड़ित है या फिर उसकी कुंडली में रोगेश की दशा चल रही हो तो ऐसे में कुशाजल से भगवान शिव का रूद्राभिषेक करवाना चाहिए। माना जाता है कि इससे आपको असाध्य रोग से भी निजात मिल जाती है।
अगर आपके घर में कोई संतान नहीं है और लाख प्रयास के बाद भी आपको संतान सुख नहीं मिल रहा है तब आप भगवान भोलेनाथ का दूध से रुद्राभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान आपको संतान का वरदान देते हैं।
अगर आपकी आर्थिक स्थिति खराब है और आप धन प्राप्ति करना चाहते हैं तो गन्ने के रस से भगवान शिव का रूद्राभिषेक करवाना चाहिए। इसके अलावा धन वृद्धि के लिए शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
आप अपनी बुद्धि को तेज करना चाहते हैं तो दूध में शक्कर मिलाकर रुद्राभिषेक करवाना चाहिए। यहां तक की अगर मंदबुद्धि भी शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करता है, तो उसकी बुद्धि तेज हो जाती है।
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