
नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। पीपल का पेड़ हिंदू धर्म में बहुत पूजनीय स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि पीपल पर सभी देवी-देवताओं का वास होता है। पीपल के वृक्ष को सभी वृक्षों में सर्वोत्तम बताया गया है। पीपल के पेड़ का ज्योतिष शास्त्र में भी बहुत महत्व है। भगवान कृष्ण ने गीता उपदेश में स्वयं को वृक्षों में पीपल का वृक्ष बताया है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी पीपल को पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इन सभी मान्यताओं के कारण, पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है और इसे काटा नहीं जाता है।
पीपल के पेड़ से जुड़ी खास बातें
वास्तु शास्त्र के अनुसार पीपल का पेड़ कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर यह प्राकृतिक रूप से उग जाए तो इसे सावधानीपूर्वक हटा देना चाहिए।
यदि आपके घर के बाहर कोई पौधा लगा है, तो उसे निकालकर गमले में लगा लें। ध्यान रखें कि पौधे को हटाते समय गलती से जड़ें न कट जाएं। धार्मिक ग्रंथों में पीपल के वृक्ष को ब्रह्मा का निवास माना गया है। अपने घर की पूर्व दिशा में कभी भी पीपल का पेड़ न लगाएं। इससे घर में पैसे नहीं बचते।
याद रखें कि सेवा के बाद आपको इसे मंदिर में रखने की अनुमति नहीं है। वास्तु के अनुसार पीपल के पेड़ को काटने से जीवन में नकारात्मकता आती है। इससे पारिवारिक जीवन में भी परेशानियां आने लगती हैं। बच्चों के लिए यह भी नकारात्मक है। इतना ही नहीं, शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ को काटने से पितरों को कष्ट होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब पीपल की छाया घर में आती है तो यह घर की प्रगति में बाधा बनती है। ऐसे में कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं।
आपको बता दें कि वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि पीपल का पेड़ अपने आसपास गोपनीयता बनाता है। इसलिए घर में ऐसा पौधा वहां के लोगों के जीवन में संकट उत्पन्न करता है। और वे अधिक समय तक जीवित नहीं रहते।