
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। घर के लिए वास्तु शास्त्र यानी वास्तु के प्राथमिक और पारंपरिक साधनों को बेहतर तरीके से समझना बहुत आवश्यक होता है। इसके अलावा, यह आपके घर को इस तरह निर्माण करने में मदद करता है ताकि वहां रहने वाले सभी सदस्यों के जीवन में सकारात्मकता और कल्याण का आगमन हो सके।
घर के लिए वास्तु क्यों जरूरी है?
घर बनाना और अपना एक घर होना सभी का एक सपना होता है। लोगों का अपने घर से एक गहरा नाता होता है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इसे बुरी नजर से, नकरात्मक ऊर्जा और अन्य बुरी घटनाओं से बचाकर रखें। घर के लिए वास्तु दिशा का विशेष महत्व होता है। वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने घर का मौहल सुखद होता है। यदि लोग अपने घर के लिए सही वास्तु सुझावों का पालन करते हैं, तो इससे उनके घर में धन और खुशियों के साथ-साथ महान चीजों का भी आगमन होता है। घर के लिए वास्तु शास्त्र में दरवाजे और खिड़कियों की स्थिति, छत के प्रकार, शुभ रंग आदि शामिल होते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार अलग-अलग दिशाओं पर अलग-अलग शासकों का शासन होता है। पूर्व दिशा में इंद्र देव का शासन है। पश्चिम दिशा में वरुण देव, उत्तर दिशा में कुबेर और दक्षिण दिशा में यमदेव हैं। उसी के आधार पर घर में अलग-अलग कमरों के लिए कुछ सामान्य दिशा-निर्देश सुनिश्चित किए गए हैं।
स्नानघर: पूर्व दिशा
भोजन कक्ष: पश्चिम दिशा
शयन कक्ष: दक्षिण दिशा
रसोई: दक्षिण पूर्व दिशा