
नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में तरह-तरह के पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। चाहे तुलसी हो, पीपल हो या बरगद, ये पूजा से जुड़े कामों में शामिल हो जाते हैं। ऐसा ही एक पेड़ केले का है जिसका अलग-अलग प्रकार से पूजा में प्रयोग किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार गुरुवार के दिन केले के पेड़ की विशेष रूप से पूजा की जाती है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन होता है, इस दिन साधक स्नान आदि कर विष्णु जी की पूजा के साथ-साथ केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। आइए जानते हैं इस केले के पेड़ के धार्मिक महत्व के बारे में...
केले के पेड़ का धार्मिक महत्व
केले के पेड़ को बहुत शुभ और भगवान विष्णु की पूजा का हिस्सा माना जाता है। जब हम कोई नया घर खरीदते हैं तो गृहप्रवेश के समय द्वार पर केले का पौधा लगाना बेहद ही शुभ होता है। बहुत से लोग वैसे भी अपने घर के सामने केले का पौधा लगाकर रखते हैं ,ऐसा माना जाता है कि मुख्यद्वार पर केले का पेड़ लगाने से घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
केले के पेड़ का लाभ
सत्यनारायण भगवान की पूजा के समय में भी केले के पौधे का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शादी के हॉल में केले के पौधे भी लगाए जाते हैं। केले के पत्तों का उपयोग बर्तन के रूप में भी किया जाता है। आपने शायद कई बार देखा होगा कि दक्षिण भारतीय खाना केवल केले की पत्ते में परोसा जाता है। भगवान को भोग लगाने के लिए भी केले के पत्ते का प्रयोग किया जाता है।
केले का उपयोग धार्मिक समारोहों में भी किया जाता है। इसके तने को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और इसका उपयोग गणेश पूजा में किया जाता है। मान्यता के अनुसार कई लोग गणपति बप्पा को केले के पत्ते चढ़ाते हैं।
भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के दौरान केले के पत्ते में भोग लगाया जाता है। केले का इस्तेमाल पंजीरी समेत कई तरह के व्यंजन बनाने में किया जाता है। केले के पत्ते और तने से दुर्गा पूजा के मंडप और मंच को भी सजाया जाता है।