
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हिंदू धर्म में मोर पंख का विशेष महत्व होता है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को मोर पंख बेहद ही प्रिय है। इसलिए उनके मुकुट पर हमेशा मोर पंख होता है। मोर पंख न केवल भगवान कृष्ण के लिए बल्कि भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और भगवान इंद्रदेव के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, मोर पंख को देवी लक्ष्मी और सरस्वती से भी जोड़ा जाता है। वेद और वास्तु शास्त्र दोनों ही घर में मोर पंख रखने के चमत्कारी फायदों का वर्णन करते हैं। वास्तु के अनुसार घर में मोर पंख रखने से धन में वृद्धि होती है, उपज में वृद्धि होती है और कई कमियां दूर होती हैं। क्या आप जानते हैं की मोर पंख से जुड़े वास्तु नियमों के बारे में...
घर की इस दिशा में रखें मोर पंख
वास्तु शास्त्र के अनुसार अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए मोर पंख को दक्षिणमुखी तिजोरी के अंदर ही रखना चाहिए। इससे कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
कुंडली में राहु की त्रुटि को कम करने के लिए मोर पंख को घर की पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना लाभकारी होगा।
पारिवारिक झगड़ों से बचने के लिए 7 मोरपंखों की पोटली लिविंग रूम की पूर्वी दीवार पर लगाएं। यह परिवार के सदस्यों के बीच प्यार को मजबूत करेगा और आपके घर में सुख-शांति लाएगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मोर पंख का उपयोग वैवाहिक सुख के लिए भी किया जा सकता है। ऐसा करने के लिए अपने बेडरूम में दो मोर पंख रखें। आप इसे दीवार पर भी टांग सकते हैं। इससे आपका रिश्ता और मजबूत होगा।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान कार्तिकेय का वाहन मोर है। वहीं मोर पंख को बेहद शुभ माना जाता है। घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए मोर पंख को घर के अंदर रखना चाहिए।