
नई दिल्ली , 20 अक्टूबर 2023 : नवरात्रि के दिनों में, मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का आयोजन होता है। इससे पहले घर में धूमधाम से सफाई की जाती है, ताकि मां वहां विराजमान हो सकें। वास्तुशास्त्र के अनुसार, कुछ बदलाव लाएं और चमत्कारिक परिणाम प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आपके घर में सुख और समृद्धि की वृद्धि हो।
अखंड ज्योति: अगर आप अखंड ज्योति जलाते हैं, तो इसे आग्नेय कोष में रखें। आग्नेय कोण को अग्नि तत्व का प्रतिनिधि माना जाता है और इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
शाम की पूजा में घी का दीप: शाम के समय पूजन स्थान पर घी का दीप जलाएं। इससे घर के लोगों की सर्वत्र ख्याति होगी और मंदिर में लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए।
पूजा के दिन मुख की दिशा: पूजा के समय अराधक का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, जो शक्ति और शौर्य का प्रतीक है, और सूर्य देव भी इस दिशा के स्वामी हैं।
रंगीन पहनावा: नवरात्रि के 9 दिनों में देवियों को लाल रंग के वस्त्र, रोली, लाल चंदन, सिंदूर, लाल वस्त्र साड़ी, लाल चुनरी, आदि से अर्पित करें, क्योंकि लाल रंग को शक्ति और सत्ता का प्रतीक माना जाता है।
5. चूना और हल्दी से चिन्ह बनाएं: नवरात्रि के दिनों में बाहर दोनों ओर स्वास्तिक चिन्ह चूने और हल्दी से बनाएं। इससे माता प्रसन्न होगी और घर में सुख और शांति बनी रहेगी।
6. पूजा स्थल का सफाई: पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें, क्योंकि शुद्धता और पवित्रता से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
7. मंदिर की सही दिशा: नवरात्रि के दिनों में मंदिर सही दिशा में होना चाहिए, ताकि पूजन का पूरा लाभ मिले और मां की कृपा निरंतर बरसती रहे।
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