
नई दिल्ली , 10 नवंबर 2023 : धनतेरस का पर्व हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, और इस दिन कुबेर भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का आयोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन वास्तु के नियमों का पालन करने और घर को सजाने से समृद्धि होती है।
मुख्य द्वार से लेकर घर के मंदिर तक, धनतेरस के दिन वास्तु का विशेष ध्यान रखा जाता है जिससे खुशहाली बनी रहती है। इस दिन को बहुत अच्छे रंग, जैसे कि पीला और नारंगी, से सजाने की सलाह दी जाती है।
मान्यता है कि धनतेरस के दिन सही वस्त्रों की खरीद, शुभ मुहूर्त में पूजा, और वास्तु नियमों का पालन जीवन में समृद्धि के द्वार खोलता है। आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन कौन-कौन से वास्तु नियमों का पालन करें।
धनतेरस के दिन:
मुख्य द्वार का वास्तु: मुख्य द्वार पर स्वास्तिक की आकृति बनाएं और इस स्थान पर सजावटी पौधे लगाएं, जिससे घर में समृद्धि बनी रहती है। मुख्य द्वार को साफ-सुथरा रखें और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने दें। जूते या चप्पलें रखते हैं तो इसे हटा दें और एक कांच का कटोरा रखें जिसमें ताजे फूल हों।
भीतर के लिए वास्तु टिप्स: धनतेरस के दिन, घर के पूर्वोत्तर कोने में कांच के बर्तन में पानी भरकर रखें और उसमें रंग-बिरंगे फूल डालें। रंगोली बनाएं और आग्नेय कोण में मिट्टी के दीये जलाएं। घर के हर कोने में दीपक जलाएं और मुख्य द्वार पर मिट्टी के बड़े दीपक लगाएं।
धनतेरस पर रंगोली: रंगोली बनाने से पहले कोशिश करें कि आप इसे ताजे फूलों से सजाएं। रंगोली में स्टिकर का उपयोग न करें और स्वस्तिक या ओम न बनाएं। बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बजाय कागज की चीजें उपहार में दें, क्योंकि इससे उन्हें शिक्षा के लिए भाग्यशाली माना जाता है।
4 . उत्तर दिशा का ध्यान: धनतेरस के दिन, उत्तर दिशा को साफ-सुथरा रखें और इसे रोशनी से सुसज्जित करें। उत्तर दिशा में जेड प्लांट रखने से भी लाभ हो सकता है, और यह दिशा धन को आकर्षित करने की मानी जाती है।
5 . वास्तु के अनुसार उपहार: दिवाली के उत्सव में वास्तु के अनुसार उपहार देने से विभिन्न प्रकार की ऊर्जा आती है। कपड़े देने से रिश्ते मजबूत हो सकते हैं, मेटल जैसे सिल्वर या गोल्ड उपहार देने से आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है, और पेंटिंग और क्रिस्टल भी शुभ माने जाते हैं।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।