नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।9 April 2024। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और माता रानी की पूजा अर्चना में नियमों का पूरी तरह पालन किया जाता है। नवरात्रि की पूजा में वास्तु का भी विशेष महत्त्व होता है। इसीलिए वास्तु की कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। नवरात्रि के नौ दिन अगर वास्तु को ध्यान में रखते हुए पूजा होती है तो मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का बहुत महत्व होता है। कलश स्थापना करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार कलश स्थापना ईशान कोण उत्तर-पूर्व का कोना में करें। इस दिशा को देवी-देवताओं का स्थान बताया गया है।
नवरात्रि में 9 दिन तक अखंड दीप जलने का महत्व है।अगर आप अखंड दीपक जला रहे हैं तो उस दीपक को आग्नेय कोण में रखें। यह दिशा अग्नि का प्रतिनिधित्व करती है। इस दिशा में अखंड दीपक जलाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। और घर में सुख समृद्धि आती है।
नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व या उत्तर की तरफ होना चाहिए। इस तरह पूजा करने से व्यक्ति का सम्मान बढ़ता है क्योंकि यह दिशा शक्ति और शौर्य का प्रतीक मानी जाती है। इसके साथ ही आपको अपनी में गेट पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक बनाना चाहिए।
देवी दुर्गा की मूर्ति को अपने घर के मंदिर के पूर्वोत्तर कोने में ही स्थापित करनी चाहिए। इससे आपकी पूजा का प्रभाव बढ़ सकता हैं। वस्तु के अनुसार माता दुर्गा की मूर्ति हमेशा माता की चौकी में ही स्थापित करनी चाहिए। इस चौकी पर आपको मूर्ति के अलावा अन्य कोई सामग्री नहीं रखनी चाहिए।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।