नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क 12 December 2023 हिंदू धर्म के अनुसार पूजा पाठ का बहुत बड़ा महत्व है। अगर घर में पूजा पाठ न की जाए तो नकारात्मक ऊर्जा तो आती ही है उसके साथ ही घर में आने वाली लक्ष्मी भी रूठ जाती है। और आपके घर में अशांति का माहौल बना रहता है। घर में होने वाली हर एक चीज की दिशा निर्धारित की गई है वैसे ही वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर का पूजा घर किस दिशा में होगा और भगवान का मुख किधर होगा यह सारी चीज बताई गई है।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से दिशाओं का विशेष महत्व माना जाता है सही दिशा में अगर चीज होती है तो उसका अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है।घर में चीजों में भी सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा होती है, जिससे घर से सभी सदस्य प्रभावित होते हैं। वहीं,वास्तु के अनुसार घर के पूजा घर को कभी भी सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढियों के नीचे की जगह काफी अशुभ मानी जाती है। और घर में सीढ़ियों के नीचे मंदिर बनवाने से घर में हमेशा होती रहतीं हैं। इससे परिवार के सदस्यों के बीच हमेशा मनमुटाव बना रहता है।इसकी वजह से मानसिक अशांति भी बनी रहती है। वहीं,वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में मूर्तियों को भी सही दिशा में होना जरूरी है। भगवान की फोटो या प्रतिमा को कभी भी नैऋत्य कोण में नहीं रखना चाहिए। यह बहुत अशुभ माना जाता है और इससे व्यक्ति के जीवन में मुसीबतें आती रहती है। यह अशुभ माना जाता है और इससे व्यक्ति के जीवन में हमेशा मुसीबतें ही आती हैं।
अगर आप घर में पूजा घर बनवाने की सोच रहे हैं तो इसके लिए उत्तर पूर्व की दिशा काफी शुभ मानी गई है। ऐसा माना जाता है कि उत्तर पूर्व दिशा ईशान कोण की दिशा होती है। और इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। जिसके कारण अगर इस दिशा में पूजा घर बना तो आपके घर में सुख शांति बनी रहेगी। वहीं इस बात का हमेशा ध्यान रखें की पूजा घर में कभी भी खंडित मूर्ति नहीं रखना चाहिए। खंडित मूर्ति है तो उसे किसी पवित्र स्थान में गढ्ढा खोद दबा देना चाहिए।
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