नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।17April 2024। आज नवरात्रि का आखिरी दिन है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी पूजा पाठ या व्रत के बाद हवन करना अनिवार्य होता है। वहीं, हवन करने के लिए वास्तु के कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए।
सभी देवी देवताओं का व्रत रखने के बाद आप को हवन करना चाहिए। हवन में डाली गई सामग्रियां वातावरण को शुद्ध करती हैं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती हैं। हवन करते समय देवी-देवताओं के मंत्रों का भी जाप किया जाता है। ऐसे में वास्तु के अनुसार बताई गई सामग्री का इस्तेमाल करके आप हवन करते हैं तो आपके साथ-साथ आपके घर परिवार में भी सुख शांति अथवा माता की कृपा बनी रहती है।
हवन के लिए आपको देसी घी, समिधा, कपूर, धूप, अगरबत्ती, सूखा नारियल, लाल कलावा, रोली, चंदन, अक्षत,आम या केले के पत्ते, पान के पत्ते, मिष्ठान, 5 प्रकार के फल, गंगाजल, चरणामृत, गुग्गल, लोबान, शहद, कपूर, लाल वस्त्र ,सुपारी, फूलों की माला रखनी चाहिए।
आप जिस आसन में बैठ कर पूजा या हवन कर रहे हो उसे कभी भी पैर से नहीं खिसकाकर रखना चाहिए। इससे पूजन या हवन का पुण्य नहीं मिलता है।
हवन कुंड किसी धातु का नहीं होना चाहिए। यानी कि वह मिट्टी का हो या तो ईट का धातु के हवन कुंड में हवन करने से फल प्राप्ति नहीं होती है।
हवन करते समय आज अत्यधिक तेज हो जाए तो उसे गंदे पानी से न कम करें। बल्की बगल में शुद्ध गंगा जल रख ले एसी परिस्थिति में इसका उपयोग करें।
हवन सामग्री में सफेद तिल का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि काले तिल, जौ, घी, गुड़, मेवा, कपूर, गुग्गल, बेल का सूखा हुआ फल का ही प्रयोग कर सामग्री तैयार की जाती है।
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