नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। रत्न शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व होता है। रत्नों का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व होता है। रत्न हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई कष्ट हो, तो उसे उसकी राशि के अनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।रत्न शास्त्र में कहा जाता है कि जिस मनुष्य के जीवन में ग्रह की दशा-दिशा ठीक नहीं चल रही हो तो वह किसी विशेष रत्न को धारण कर सकते हैं। आइए जानते हैं पुखराज रत्न के लाभ और इसे धारण करने की सही विधि क्या है।
पुखराज रत्न धारण करने के फायदे
रत्न शास्त्र के अनुसार पुखराज रत्न का अपना एक विशेष महत्व है। पुखराज रत्न का सीधा संबंध बृहस्पति ग्रह से है। गुरु को सभी ग्रहों का गुरु माना जाता है। इसके साथ ही गुरु ग्रह तरक्की और मान सम्मान के भी कारक होते हैं।
पुखराज धारण करने से बनेंगे सभी बिगड़े कामकाम
पुखराज रत्न धारण करने से मान सम्मान के साथ-साथ धन और वैभव में भी वृद्धि होती है। इसे धारण करने से व्यक्ति के मन में शांति का वास होता है और सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं। जिस व्यक्ति को पेट या आंत से जुड़ी कोई समस्या होती है वह भी इस रत्न को धारण कर सकता है। इस रत्न को धारण करते ही मनुष्य के पेट से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं।
इन राशियों के लिए लाभदायक है पुखराज
रत्न शास्त्र के अनुसार धनु और मीन राशि वालों को पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। इनके लिए ये रत्न विशेष रूप से शुभ फल देने वाला होता है। गुरु ग्रह इन दोनों राशियों के स्वामी होते हैं, जिस कारण इन्हें पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है।
रत्न शास्त्र के अनुसार पुखराज केवल उन जातकों को धारण करना चाहिए जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह उच्च स्थान पर हो।
पुखराज धारण करने से पहले ज्योतिष की सलाह लेना बेहद ही आवश्यक होता है। ज्योतिष से सलाह लेने के बाद ही आप इस रत्न को धारण करें।