नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि प्रत्येक रत्न एक विशेष ग्रह से जुड़ा होता है और प्रत्येक ग्रह का व्यक्ति की कुंडली पर कोई न कोई प्रभाव पड़ता है। वे अनुकूल और प्रतिकूल दोनों हैं। ज्योतिषी ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए रत्न पहनने की सलाह देते हैं। रत्न धारण करने से पहले आपको किसी जानकार ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। रत्न शास्त्र में मुख्य रूप से 9 रत्नों का उल्लेख मिलता है। जिन्हें नवरत्न कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ स्थिति में हो तो उस व्यक्ति को नीला नीलम पहनने के लिए कहा जाता है। यह एकमात्र रत्न है जिसे बनने में 24 घंटे से भी कम समय लगता है। नीलम को बहुत सावधानी से पहनना चाहिए। आइए जानते हैं किन राशि वालों को नीलम धारण करना चाहिए।
इन लोगों को धारण करना चाहिए नीलम
यदि आपकी कुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में है तो आप नीला नीलम पहन सकते हैं। नीलम का संबंध शनि ग्रह से है। यदि कुंडली में शनि छठे या आठवें भाव में हो तो उनके लिए नीलम शुभ होता है। वहीं वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातक नीला नीलम पहन सकते हैं।
नीलम पहनने के फायदे
नीलम रत्न को शनि का रत्न माना जाता है और अगर शनि कुंडली में शुभता लाता है तो आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। कार्य एवं व्यवसाय में उन्नति होती है। नीलम धारण करने वाले व्यक्ति को जादू-टोना, तांत्रिक मंत्र और आत्माएं अपने वश में नहीं कर सकतीं; जो व्यक्ति नीलम धारण करता है वह अपने काम में ईमानदार और मेहनती होता है।