नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को सभी ग्रहों में सबसे अधिक क्रोधी माना जाता है। कहा जाता है कि राहु-केतु की नजर लग जाए तो सारे काम बिगड़ जाते हैं। यदि कुंडली में राहु और केतु के दोष हों तो उन्हें दूर करने के उपाय करने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में राहु दोष की उत्पत्ति के लिए कई उपाय बताए गए हैं। वहीं रत्नशास्त्र में एक विशेष रत्न का वर्णन है जो राहु-दोष को दूर करता है। आइए जानें इस विशेष रत्न के बारे में और किस तरह के लोगों को इसे धारण करना चाहिए।
राहु दोष के कारण होने वाली परेशानियां
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु कमजोर स्थिति में होता है तो उसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। माना जाता है कि इसी वजह से जब राहु विवाह योग में बैठता है तो काम में रुकावटें आती है इसके साथ ही शादी में समस्याएं भी आती हैं।
राहु दोष दूर करने के लिए गोमेद रत्न का प्रयोग करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में राहु दोष हो उन्हें गोमेद रत्न धारण करना चाहिए। जब कुंडली में राहु की स्थिति कमजोर होती है तो जातकों को इसके प्रभावों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से कार्यक्षेत्र में तरह-तरह की बाधाएं सामने आती हैं। ऐसे में जातकों को इस दोष को दूर करने के लिए गोमेद रत्न का प्रयोग करना चाहिए। इसे धारण करने से कुंडली में राहु की स्थिति मजबूत होती है।
गोमेद इन राशियों के लिए है उपयोगी
ज्योतिष शास्त्र में, राहु को मकर राशि का स्वामी माना गया है। मकर राशि के जातकों को अपनी कुंडली में राहु की स्थिति को मजबूत करने और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए गोमेद रत्न का प्रयोग करना चाहिए। इससे आपके रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी। न्याय संबंधी कार्य से जुड़े व्यक्ति के लिए गोमेद काफी फायदेमंद होता है। मकर राशि वालों के अलावा कुंभ, तुला, मकर और वृषभ राशि के जातकों के लिए भी ये रत्न लाभकारी होता है।