Raavan pooja in Dusshera: दशहरे पर इन स्थानों पर होती है रावण की पूजा, इनके लिए देवता तुल्य है रावण

देश में आपने कई अलग-अलग भगवानों के बारे में सुना होगा और उनकी पूजा भी की होगी।  लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कई ऐसे मंदिर है। जहां रावण की भी पूजा की जाती है।
Ravan Temple
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: कल यानी आगामी 24 अक्टूबर 2023 को देशभर में विजयादशमी  का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।  विजयदशमी को दशहरा के नाम से भी जानते हैं । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। साथ ही असत्य पर सत्य की विजय का  प्रतीक भी माना गया है। दशहरा में रावण का पुतला जलाया जाता है। ये जलता हुआ पुतला इस बात की गवाही देता है। कि किसी भी व्यक्ति को अहंकार नहीं दिखाना चाहिए। नही तो उसका हस्र कुछ जलते हुए पुतले की तरह होता है।  हिंदू धर्म में रावण को खलनायक के रूप में दिखाया गया है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में कुछ ऐसे भी गांव और ऐसे शहर है।  जहां पर दशहरे के दिन रावण की विधि विधान से पूजा की जाती है तो चलिए जानते हैं ऐसे कौन सी जगह है और कौन से स्थान है जहां रावण को दशहरे के दिन पूज्य माना गया है। 

जोधपुर

राजस्थान के जोधपुर में भी रावण का मंदिर है, यहां  उसकी भव्य प्रतिमा भी स्थापित है। कुछ समाज विशेष के लोग यहां पर रावण का पूजन करते हैं। ये खुद को रावण का वंशज मानते हैं। इस स्थान को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ लोग इसे रावण का ससुराल भी बताते हैं। 

कानपुर 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कानपुर में 100 साल से भी अधिक ज्यादा पुराना दशानन का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि दशानन का मंदिर साल में एक बार दशहरे के दिन ही खुलता है। यहां पर लोग रावण की विधि विधान से पूजा करते हैं।  मंदिर की इतिहास की बात करें तो यह मंदिर 1890 में राजा गुरु प्रसाद शुक्ल के द्वारा बनवाया था।  दशानन मंदिर में लोग रावण के श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं,साथ ही यहां के सभी लोग भगवान शिव की भी पूजा करते हैं।

काकीनाड नामक स्थान पर भी रावण का मंदिर

आंध्र प्रदेश के काकीनाड नामक स्थान पर भी रावण का मंदिर बना हुआ है।  जहां भगवान शिव के साथ उसकी भी पूजा की जाती है। यहां पर विशेष रूप से मछुआरा समुदाय रावण का पूजा अर्चना करता है।

विदिशा में रावण के नाम पर रावण ग्राम

मध्य प्रदेश के जिला विदिशा में रावण के नाम पर रावन ग्राम गांव नाम रखा गया है।  इस गांव में रावण का प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसी मान्यता  है कि रावण के इस मंदिर में भक्ति अच्छी खासी संख्या में दर्शन करने के लिए आ जाते हैं।  कहा जाता है कि इस मंदिर में रावण की मूर्ति 10 फीट लंबी है। जिसकी दशहरे के दिन पूजा की जाती है।

मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर

कर्नाटक के मांड्या जिले में मालवल्ली तालुका नामक स्थान पर रावण का मंदिर बना हुआ है। जहां लोग रावण को पूरी आस्था के साथ पूजते हैं।  इसके अलावा कर्नाटक के कोलार में भी शिवभक्ति के रूप में रावण की पूजा होती है। 

कांगड़ा का यह कस्बा रावण की  पूजा के लिए जाना जाता है

हिमाचल प्रदेश में स्थित कांगड़ा जिले का यह कस्बा भी रावण की  पूजा के लिए जाना जाता है।  यहां के बारे में कहा जाता है कि रावण ने यहां पर भगवान शिव की तपस्या की थी।  जिससे प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें मोक्ष का वरदान दिया था।  इसलिए शिव के इस भक्त का इस  स्थान पर पुतला नहीं जलाया जाता है।

बिसरख नामक गांव में  रावण का मंदिर बना है

यूपी के बिसरख नामक गांव में  रावण का मंदिर बना हुआ है।  जहां उसका पूजन होता है। ऐसा माना जाता है कि बिसरख गांव रावण का ननिहाल था  बिसरख का नाम पहले विशेश्वर था। जो रावण के पिता के नाम पर पड़ा था। 

अमरावती

महाराष्ट्र के अमरावती में भी रावण को भगवान की  तरह पूजा जाता है। आपको बता दें कि गढ़चिरौली नामक स्थान पर आदिवासी समुदाय द्वारा रावण का पूजन किया जाता है। यहां के लोग रावण और उसके पुत्र को अपना देवता मानते हैं। 

उज्जैन के गांव में रावण की पूजा

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक गांव में भी रावण का दहन नहीं किया जाता बल्कि उनकी पूजा की जाती है। रावण का यह स्थान उज्जैन जिले का चिखली गांव है।  इसके बारे में कहा जाता है। अगर गांव के लोग  रावण की पूजा नहीं करते तो  गांव जलकर खाक हो जाएगा। 

मंदसौर में भी रावण को पूजा जाता है

मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी रावण को पूजा जाता है।  कहा जाता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था और यह रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी का मायका था।  इसलिए इस शहर का नाम मंदसौर पड़ा।  क्योंकि मंदसौर रावण का ससुराल था । और यहां की बेटी रावण की पत्नी थी।  इसलिए यहां दामाद के सम्मान में रावण का पुतला नहीं जलाया जाता बल्कि उनकी पूजा अर्चना की जाती है। 

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